मोदी जी! पड़ोसी 'शरीफ' नहीं: दलबीर कौर
कौन सा शरीफ, कैसी शराफत। वो शरीफ, जो कारगिल का षड्यंत्र रचता है, वो शरीफ, जो भारतीय सैनिकों के सर धोखे से कटवाता है। वो शरीफ, जिसने 200
रमेश शुक्ला 'सफर', अमृतसर। कौन सा शरीफ, कैसी शराफत। वो शरीफ, जो कारगिल का षड्यंत्र रचता है, वो शरीफ, जो भारतीय सैनिकों के सर धोखे से कटवाता है। वो शरीफ, जिसने 2008 में मुझसे कहा था कि सरबजीत तो बेगुनाह है, सियासत ही गुनाहगार है। गर पाकिस्तान का प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दिल से शरीफ होता, शराफत निभाई होती तो आज मेरा सरबजीत जिंदा होता। मैं नरेंद्र मोदी जी के प्रधानमंत्री शपथ उत्सव में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के आने का विरोध नहीं करती, लेकिन मैं नवाज शरीफ से एक बहन नाते कह रही हूं कि अगर शरीफ जी भारत आ रहे हैं तो कम से कम मथुरा उत्तार प्रदेश के शहीद हेमराज का कटा सिर लेते आना, क्योंकि आज भी हेमराज की मां बेटे के कटा सिर देखना चाहती है। मैं केवल सरबजीत की बहन नहीं, बल्कि हेमराज जैसे उन भाइयों की बहन हूं जो पाकिस्तान जेल में बेगुनाह सजा काट रहे हैं। यह कहते हुए पाकिस्तान जेल में शहीद हुए तरनतारन जिले के भिखीविंड निवासी सरबजीत की बहन दलबीर कौर रो पड़ी।
दैनिक जागरण से बातचीत के दौरान आंसू पोंछ दलबीर कहने लगी नवाज शरीफ भी तरनतारन जिले से हैं, मैं भी उसी जिले से हूं, लेकिन नवाज में इतनी भी शराफत नहीं है कि उस जिले की एक बहन पुकार सुन लेते। मुझे याद है 2008 में नवाज शरीफ से पाकिस्तान में मिली तो उन्होंने कहा था 'सरबजीत बेकसूर है, मैं जानता हूं, लेकिन सियासत सरबजीत को रिहाई नहीं दिलाने देती'। अगर शरीफ सचमुच शरीफ होते तो मेरा सरबजीत जिंदा होता। अब क्या मुंह लेकर नवाज शरीफ भारत आएंगे? नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे जाएं, मैं उनसे मिलूंगी। अकेले नहीं, बल्कि हेमराज की पत्नी को भी लेकर जाऊंगी, जिसका सिर आज तक पाकिस्तान ने नहीं लौटाया है। मैं देश के मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेजकर उन्हें यह बताना चाहती हूं कि 'मोदी जी, पड़ोसी शरीफ नहीं है'।