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दादा ध्यानचंद की जिद ने मुझे बनाया ओलंपियन : इनाम उर रहमान

इनाम को इस बात का हमेशा मलाल रहा कि उन्होंने मेजर ध्यानचंद को हॉकी खेलते नहीं देखा। वे कहते हैं कि हम उनके खेल की तारीफ सुनकर ही बड़े हुए हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 10:14 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 10:14 PM (IST)
दादा ध्यानचंद की जिद ने मुझे बनाया ओलंपियन : इनाम उर रहमान
दादा ध्यानचंद की जिद ने मुझे बनाया ओलंपियन : इनाम उर रहमान

भोपाल, ललित नारायण कटारिया। '1968 मेक्सिको ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता। इस टीम में मैं भी शामिल था। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जिद के बिना यह संभव नहीं था, वे टीम के मुख्य कोच थे और उन्हीं के कारण मेरा ओलंपिक खेलने का सपना पूरा हुआ था।' भोपाल के जाने-माने हॉकी खिलाड़ी इनाम उर रहमान ने हमारे सहयोगी न्‍यूजपेपर 'नईदुनिया' से इस संस्मरण को साझा किया। रहमान कहते हैं कि प्रतिभा होने के बाद भी उन्हें राष्ट्रीय टीम में खेलने का अवसर नहीं मिल रहा था, लेकिन लखनऊ में वर्ष 1968 में हुए एक टूर्नामेंट ने उनकी किस्मत बदल दी।

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ध्यानचंद ने इनाम को खेलते देखा, वे उनकी फुर्ती और कौशल से प्रभावित हुए। इसी समय मैक्सिको ओलंपिक के लिए भारतीय टीम का चयन हो रहा था और ध्यानचंद मुख्य कोच थे। इनाम बताते हैं कि ध्यानचंद ने अपनी जिद पर उनका चयन राष्ट्रीय टीम में कराया। इनाम को मैक्सिको में केवल दो मैच खेलने का मौका मिला। अपने पहले ही मैच में इनाम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत ने जापान को 5-0 से हराया और सेमीफाइनल में जगह बनाई।

इनाम बताते हैं कि ध्यानचंद टीम के साथ मैक्सिको नहीं जा सके थे। यदि वे गए होते तो भारत निश्चित ही कांस्य की जगह स्वर्ण पदक जीतता। जापान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन के बाद भी ऑस्ट्रेलिया से हुए सेमीफाइनल में इनाम को खेलने का मौका नहीं मिला। इस मैच में टीम हार गई, जिसके बाद जर्मनी से तीसरे स्थान के लिए हुए मुकाबले में इनाम दूसरी बार खेले। इस मैच में भारत ने जीत दर्ज कर कांस्य पदक अपने नाम किया।

ध्यानचंद को खेलते नहीं देखा, हमेशा रहेगा मलाल

इनाम को इस बात का हमेशा मलाल रहा कि उन्होंने मेजर ध्यानचंद को हॉकी खेलते नहीं देखा। वे कहते हैं कि हम उनके खेल की तारीफ सुनकर ही बड़े हुए हैं। हॉकी के जादूगर होने के बाद भी वे सभी से साधारण व्यक्ति की तरह ही मिलते थे, जब वे भोपाल में औबेदुल्ला गोल्ड कप खेलने आते थे, तो मैदान पर प्रशंसकों की भीड़ लग जाती थी। इनाम ने मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक ध्यानचंद के साथ कई मुकाबले खेले हैं।


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