TCS के निदेशक पद से मिस्त्री की छुट्टी, 93 फीसद शेयरधारकों ने किया समर्थन
टाटा इंडस्ट्री के बाद अब टीसीएस के निदेशक पद से साइरस मिस्त्री की छुट्टी हो गई है। ईजीएम बैठक में 93 फीसद शेयरधारकों ने उनके विरोध में हामी भरी
नई दिल्ली(पीटीआई)। टीसीएस की ईजीएम में 93 फीसद शेयरधारकों ने साइरस मिस्त्री को हटाए जाने का समर्थन किया। सिर्फ 7 फीसद शेयरधारकों ने पूछा कि आखिर मिस्त्री को हटाए जाने की जरूरत क्यों पड़ी। टाटा इंडस्ट्री के बाद ये टीसीएस दूसरी कंपनी है जहां से मिस्त्री को हटा दिया गया है। टाटा समूह की पांच दूसरी कंपनियों के ईजीएम की बैठक बुलाई गई है, ताकि उन्हें बोर्ड ऑफ डॉयरेक्टर से हटाया जा सके
साइरस मिस्त्री को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के निदेशक पद से हटाए जाने के लिए मंगलवार को बुलाई असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में कुछ शेयर होल्डर्स ने मिस्त्री को उनके पद से हटाए जाने की वजह पूछी थी। आपको बता दें कि इस ईजीएम में साइरस मिस्त्री नदारद दिखे थे। वहीं इस बैठक से पहले उन्होंने शेयरहोल्डर्स को एक पत्र भी लिखा था। गौरतलब है कि बीते 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था। इसके बाद उन्हें टीसीएस और टाटा ग्लोबल बेवरेज के चेयरमैन पद से भी हटाया गया।
टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक पद से हटाए गए साइरस
शेयर होल्डर्स को लिखे पत्र में मिस्त्री ने क्या कहा
मिस्त्री ने कहा कि वो टाटा ग्रुप की आत्मा को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके अच्छे कामों को दरकिनार कर दिया गया और पर्सनल एजेंडे को सामने लाया गया। ईजीएम से पहले मिस्त्री ने शेयरहोल्डर्स से अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट करने की अपील भी की। मिस्त्री ने कहा कि टीसीएस में टाटा संस की 70 फीसदी हिस्सेदारी है, इसलिए टीसीएस के डायरेक्टर पद से उन्हेंय हटाया जाना पहले से किया हुआ फैसला है।
टीसीएस में टाटा संस की 73 फीसदी हिस्सेदारी
आपको बता दें कि टीसीएस टाटा समूह की सबसे बड़ी कंपनी है। टीसीएस से मिस्त्री को हटाने में रतन टाटा खेमे को दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि कंपनी में टाटा सन्स की 73.33% होल्डिंग है। वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि नॉन-प्रमोटर ग्रुप किस तरह वोटिंग करते हैं, इसी बात पर आगे के ईजीएम के फैसले निर्भर करेंगे। वहीं बाकी कंपनियों में प्रमोटर ग्रुप की होल्डिंग 30 से 38 फीसदी तक है। टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के शेयरधारकों को नुस्ली वाडिया को इंडिपेन्डेंट डायरेक्टर पद से हटाने के प्रस्ताव पर भी अपना फैसला देना है। रतन टाटा कैम्प ने शेयरहोल्डर्स से यहां तक कहा है कि अगर मिस्त्री रहते हैं तो टाटा ग्रुप टूट सकता है।
गौरतलब है कि इसके अलावा इंडियन होटल्स (20 दिसंबर), टाटा स्टील (21 दिसंबर), टाटा मोटर्स (22 दिसंबर), टाटा केमिकल्स (23 दिसंबर) और टाटा पावर (26 दिसंबर) की भी ईजीएम होनी हैं, जिनमें मिस्त्री को डायरेक्टर से हटाने पर फैसला होगा।
टाटा संस के डायरेक्टर की अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में थी अहम भूमिका: मिस्त्री