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Stay Home Stay Empowered : वर्क फ्रॉम होम में इस तरह सावधान रहें साइबर जालसाजों से, बता रहे हैं टॉप एक्सपर्ट्स

Coronavirus Lockdown वर्क फ्रॉम होम के कारण इन दिनों साइबर जालसाजों की संख्या और सक्रियता तेजी से बढ़ी है। 2020 के मार्च महीने में ही इस तरह की 2200 से अधिक वेबसाइटें बनी हैं।

By Vineet SharanEdited By: Published: Fri, 03 Apr 2020 11:41 AM (IST)Updated: Mon, 08 Jun 2020 04:57 PM (IST)
Stay Home Stay Empowered : वर्क फ्रॉम होम में इस तरह सावधान रहें साइबर जालसाजों से, बता रहे हैं टॉप एक्सपर्ट्स
Stay Home Stay Empowered : वर्क फ्रॉम होम में इस तरह सावधान रहें साइबर जालसाजों से, बता रहे हैं टॉप एक्सपर्ट्स

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। वर्क फ्रॉम होम के कारण इन दिनों साइबर जालसाजों की संख्या और सक्रियता तेजी से बढ़ी है। केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 के मार्च महीने में ही इस तरह की 2200 से अधिक वेबसाइटें बनी हैं। ऐसे में हमें एहतियात बरतने की आवश्यकता है। चूंकि कंपनियों का साइबर सुरक्षा चक्र काफी मजबूत होता है। इससे साइबर फ्रॉड उनके आसपास नहीं आते हैं। पर घर का सिक्योरिटी सिस्टम अक्सर कमजोर होता है। दूसरी तरफ साइबर जालसाज लोगों के मुख्य क्रियाकलापों और सामान्य घटनाक्रमों को ध्यान में रखकर फ्रॉड करते हैं, जैसे कि वे पीएम रिलीफ फंड से मिलता-जुलता मैसेज, डब्ल्यूएचओ के मैसेज, नेटफ्लिक्स के फ्री सब्सक्रिप्शन आदि से जुड़े मैसेज भेजते हैं।

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इस मामले में साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि मौजूदा समय में अधिकांश कंपनियां घर से काम के लिए सुरक्षा मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं। यहां पर ठोस फ्रेमवर्क नहीं है और न ही मजबूत डेटा प्रोटेक्शन कानून है। ऐसे में चुनौती काफी बढ़ जाती है। एक तरफ जहां उपभोक्ताओं के सामने खुद के डेटा बचाने का चैलेंज है, वहीं दूसरी तरफ कंपनी के डेटा को भी संरक्षित रखना है। इसमें कोई दो राय नहीं कि मौजूदा समय में साइबर सेंध बढ़ी है। ऐसे हालात में सिर्फ आईटी सेक्टर के कर्मचारी ही नहीं, बल्कि आम कर्मचारियों को भी अपनी साइबर सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता है। ये सावधानियां जरूरी हैं-

1. ई-मेल के झांसे में न आएं

सुप्रीम कोर्ट के वकील और साइबर एक्सपर्ट नीरज अरोड़ा कहते हैं कि ई-मेल स्पूफिंग से बचकर रहने की जरूरत है, इसलिए कोशिश करें कि हर मेल को ‘रिप्लाई टू’न करें। बल्कि ई-मेल आईडी पर ही रिप्लाई करें।

इस समय हैकर्स और फिशर्स सबसे अधिक कोरोना से जुड़ी जानकारियों में किसी प्रामाणिक संस्था या किसी जरूरी बात का लिंक भेजते हैं। ऐसे में कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारी, सलाह आदि को सत्यापित करने के बाद ही ऐसे लिंक ओपन करें। एक तरफ जहां ये खबरें फिशिंग या हैकिंग का स्रोत होती हैं, वहीं दूसरी तरफ ये फेक न्यूज का भी सोर्स बन जाती हैं। घर में काम के दौरान कुछ देर के लिए आप किसी और काम में बिज़ी हो जाते हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करें कि इस्तेमाल न होने पर आपका लैपटॉप या कंप्यूटर बंद हो। ऑफिस का काम करने के दौरान हमेशा अपने पर्सनल गैजेट का इस्तेमाल करें।

साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि सोशल मीडिया पर भी ज्यादा जोखिम से सावधान रहें। सामान्य व्यवहार और दिनचर्या बनाए रखने की कोशिश करें। 

2. सुरक्षा में वीपीएन अहम

एकेएस आईटी सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष सक्सेना के अनुसार, सबसे प्राथमिक बात है कि कोरोना वायरस से जुड़े किसी भी लिंक पर क्लिक सोच-समझकर ही करें। किसी भी मुफ्त या सस्ती चीजों के बहकावे में न आएं। घर से ऑफिस का काम करते हैं तो फायरवॉल में वीपीएन कनफिगर जरूर करें। वीपीएन से सिक्योरिटी काफी बढ़ जाती है। इसका बड़ा फायदा यह है कि इससे जो लोग जुड़े हैं, वही लोग इसका एक्सेस कर सकेंगे। 

3. पासवर्ड में रखें एहतियात

आशीष सक्सेना के मुताबिक मजबूत पासवर्ड बनाने की सारी शर्तों का पालन करें। जिन पासवर्ड को लंबे समय से बदला न हो, उनको जरूर बदल लें। 

फर्जी मेल को ऐसे पहचानें

1. साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि मौजूदा समय में हैकर डब्ल्यूएचओ, कोरोना, आईसीएमआर और संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों से जुड़े नामों के मेल के जरिए आपके सिस्टम को हैक करने की कोशिश करते हैं। हैकर आपको कोविड टेस्ट किट, मास्क, दवाइयां आदि ऑफर कर सकते हैं। ऐसे में यहां अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। दुग्गल के अनुसार, कई बार हैकर आपकी कंपनी के नाम, एचआर के फेक मेल के आधार पर भी हैकिंग कर सकते हैं। ऐसे में जरा सा भी संदेह होने पर अलर्ट हो जाएं।

2. हैकिंग के दौरान हैकर्स आपसे अटैचमेंट को क्लिक करने को बोल सकते हैं। इसीलिए सभी ई-मेल के डोमेन नाम, स्पेलिंग एरर और यूआरएल चेक कर लें। कौन से एप डाउनलोड और इंस्टाल कर रहे हैं, उन पर गौर करें। मजबूत पासवर्ड और फायरवॉल से सिस्टम को बचाएं। कंप्यूटर में किसी भी असामान्य गतिविधि और किसी अनजान ईमेल पर क्लिक करने से बचें। अपने मोबाइल फोन में भी एंटी वायरस का प्रयोग करें।


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