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साइबर अपराधी ने किया दावा, 75000 में बेचेगा चार करोड़ से ज्यादा भारतीयों का ट्रूकॉलर रिकॉर्ड

शोधकर्ताओं ने एक प्रतिष्ठित विक्रेता की पहचान की है जो कि एक हजार डॉलर (लगभग 75000 रुपये) में 4.75 करोड़ भारतीयों का ट्रूकॉलर रिकॉर्ड बेच रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 26 May 2020 10:44 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 12:48 AM (IST)
साइबर अपराधी ने किया दावा, 75000 में बेचेगा चार करोड़ से ज्यादा भारतीयों का ट्रूकॉलर रिकॉर्ड
साइबर अपराधी ने किया दावा, 75000 में बेचेगा चार करोड़ से ज्यादा भारतीयों का ट्रूकॉलर रिकॉर्ड

नई दिल्ली, प्रेट्र। एक साइबर अपराधी ने 4.75 करोड़ भारतीयों का रिकॉर्ड 75,000 रुपये में बिक्री के लिए उपलब्ध होने का दावा किया है। ऑनलाइन इंटेलिजेंस फर्म साइबल के अनुसार, साइबर अपराधी ने इन आंकड़ों का स्रोत ट्रूकॉलर को बताया है। हालांकि ट्रूकॉलर के प्रवक्ता ने अपने डाटाबेस में किसी तरह की चोरी से इन्कार किया है और कहा है कि हमारी कंपनी के नाम का उपयोग इसलिए किया जा रहा है, ताकि डाटा विश्वसनीय लगे।

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साइबल ने एक ब्लॉग में कहा कि हमारे शोधकर्ताओं ने एक प्रतिष्ठित विक्रेता की पहचान की है, जो कि एक हजार डॉलर (लगभग 75,000 रुपये) में 4.75 करोड़ भारतीयों का ट्रूकॉलर रिकॉर्ड बेच रहा है। डाटा 2019 से है। हम भी इतनी कम कीमत पर बिक्री से आश्चर्यचकित हैं। बिक्री के डाटा में फोन नंबर, लिंग, शहर, मोबाइल नेटवर्क, फेसबुक आइडी आदि शामिल हैं।

साइबल ने कहा, हमारे शोधकर्ता अपने विश्लेषण के साथ आगे बढ़ रहे हैं। लेकिन स्पष्ट रूप से इस लीक का भारत में स्पैम, पहचान की चोरी आदि पर संभावित प्रभाव पड़ सकता है। जैसे ही हमें अधिक जानकारी मिलती है, हम इस ब्लॉग को अपडेट करेंगे।

संदिग्ध गतिविधियों की हो रही है निगरानी

इस बीच, ट्रूकॉलर के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे डाटाबेस की कोई चोरी नहीं हुई है और हमारे सभी उपयोगकर्ताओं की जानकारी सुरक्षित है। हम अपने उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और अपनी सेवाओं की अखंडता को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम संदिग्ध गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को मई 2019 में डाटा की इसी तरह की बिक्री के बारे में जानकारी है। उनके पास पहले की तरह समान डाटासेट होने की आशंका है। बुरे खिलाड़ियों के लिए कई फोन नंबर संकलित करना और उस पर ट्रूकॉलर का स्टांप लगाना आसान है। ऐसा करने से उनका डाटा कुछ हद तक विश्वसनीय लगता है और उसे बेचना आसान हो जाता है। हम जनता और उपयोगकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे बुरे खिलाड़ियों के बहकावे में न आएं, जिनका पहला उद्देश्य लोगों को ठगना है।


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