सीवीसी ने कहा- भ्रष्ट सरकारी अफसरों पर सेवानिवृत्ति से पहले हो फैसला
आरोपित अफसरों के लिए विभागीय जानकारी सीवीसी तक हर महीने की दस तारीख को शाम पांच बजे तक पहुंच जाए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने सभी बैंकों और केंद्र सरकार के विभागों को निर्देश दिया है कि वह उन भ्रष्ट बैंक और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें, जिनकी सेवानिवृत्ति में अब ज्यादा समय नहीं है। सीवीसी ने यह कदम तब उठाया है जब पता चला कि एक आरोपित सरकारी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों का उसके सेवानिवृत्त होने के बाद तक निपटारा नहीं हो सका है।
आरोपित अफसरों के साथ समय रहते न्याय करने को कहा गया- केंद्रीय सतर्कता आयोग
केंद्रीय सतर्कता आयोग इस संबंध में सरकारी विभागों को वर्ष 2007 से लिखता रहा है। हाल ही में जुलाई, 2019 में सरकारी अमलों को आरोपित अफसरों के साथ समय रहते न्याय करने को कहा गया था।
सीवीसी ने प्रशासनिक अफसरों को किया आगाह
लिहाजा, हाल में जारी दिशा-निर्देशों में सीवीसी ने अपने अधिकारियों के साथ ही विभिन्न प्रशासनिक अफसरों को भी आगाह किया है कि वह भ्रष्टाचार की गतिविधियों की जांच का निष्कर्ष और उसके बाद होने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी एडवांस में कर लें, ताकि सतर्कता आयोग तक यह बात देर से न पहुंचे।
सीवीसी ने केंद्र सरकार के विभागों को समय से कार्रवाई का दिया निर्देश
सीवीसी ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवालयों को जारी अपने नए दिशा-निर्देशों में कहा कि पहले भी बताया जा चुका है कि ऐसे सभी सेवानिवृत्ति के मामलों में महीने के पहले हफ्ते में संबंधित अफसर को पेंशन दे दी जाती है। इसलिए पहले हफ्ते के बाद सीवीसी को मिली जानकारी में सीवीसी की सलाह शामिल नहीं हो पाती है।
अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति नहीं पहुंच पाती
साथ ही संबंधित प्रशासन की ओर से अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी नहीं पहुंच पाती है। इसलिए आयोग यह सलाह देता है कि ऐसे सभी अधिकारियों के लिए विभागीय जानकारी सीवीसी तक हर महीने की दस तारीख को शाम पांच बजे तक पहुंच जाए।