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जीएसटी पर नोटबंदी का साया, राज्यों ने की अधिक क्षतिपूर्ति की मांग

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दोहरे नियंत्रण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा नहीं हो सकी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 03 Jan 2017 08:34 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jan 2017 09:31 PM (IST)
जीएसटी पर नोटबंदी का साया, राज्यों ने की अधिक क्षतिपूर्ति की मांग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । वस्तु एवं सेवा कर एक अप्रैल 2017 से लागू करने की सरकार की कोशिशों पर पानी फिर सकता है। गैर-भाजपा शासित राज्य नोटबंदी के चलते उनके राजस्व में हानि का हवाला देकर जीएसटी काउंसिल की बैठक में अधिक क्षतिपूर्ति की मांग उठा रहे हैं। जीएसटी काउंसिल की आठवीं बैठक के पहले दिन मंगलवार को नोटबंदी का मुद्दा ही छाया रहा। राज्य नोटबंदी के बाद 90,000 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर राज्यों के रवैये में नरमी नहीं आई तो आगामी अप्रैल तो क्या जून या जुलाई से भी जीएसटी लागू होने की संभावनाएं क्षीण हो सकती हैं।

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वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में दोहरे नियंत्रण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर भी चर्चा नहीं हो सकी। माना जा रहा है कि अब इस पर बुधवार को विचार किया जाएगा।

बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हम ऐसा जीएसटी चाहते हैं जिसमें त्रुटियां न हों और जो आम आदमी के लिए अच्छा हो। अब भी कई मुद्दांे पर स्थिति स्पष्ट होनी है जिसमें इंटीग्रेटेड जीएसटी और राज्यों को क्षतिपूर्ति के विधेयक शामिल हैं। शुरु में लग रहा था कि जीएसटी लागू होने पर सिर्फ चार या पांच राज्यों को ही राजस्व क्षति की पूर्ति की जाएगी। इसके लिए 55000 करोड़ रुपये की जरूरत का अनुमान लगाया था। हालांकि अब 12 से 14 राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति दी जानी है। अधिकांश राज्यों के राजस्व में 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट आयी है। ऐसे में 90,000 करोड़ रुपये तक की राजस्व क्षतिपूर्ति की जरूरत पड़ सकती है।

काउंसिल में राज्यों का अधिकार क्षेत्र तट से 12 नॉटिकल मील दूर तक तय करने के संबंध में भी चर्चा हुई। बैठक में तय किया गया कि इस संबंध में कानूनी राय ली जाए। असल मंे फिलहाल गुजरात, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्य तट से 11 नॉटिकल मील दूर तक वस्तुओं पर टैक्स वसूलते हैं। खासकर बंदरगाह पर वस्तुओं के उतरने और माल चढ़ाने पर टैक्स लगाया जाता है। गुजरात इससे 1200 करोड़ रुपये जुटाता है। मित्रा ने कहा कि जीएसटी लागू होने पर इस क्षेत्र में टैक्स कौन वसूलेगा, इस संबंध में भी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों को आश्र्वस्त किया कि इस संबंध में कानूनी राय ली जाएगी।

केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक ने कहा कि जीएसटी के लिए अब भी काफी काम बाकी है। दोहरे नियंत्रण के मुद्दे पर बुधवार को चर्चा की जाएगी। ऐसे में जून और जुलाई से जीएसटी लागू करने की संभावनाएं काफी मुश्किल नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई के लिए तंबाकू जैसी डीमेरिट वस्तुओं के अलावा लग्जरी वस्तुओं पर भी अतिरिक्त सैस लगाया जाएगा।


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