सीआरपीएफ ने छुट्टी पर रहे अधिकारियों के भत्ते रोके, सभी यूनिटों को जारी किया आदेश
सीआरपीएफ ने लॉकडाउन के चलते अपनी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं कर पाने वाले अधिकारियों के जोखिम कठिनाई और परिवहन भत्ते रोक दिए हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ। जम्मू-कश्मीर और माओवाद प्रभावित- जैसे संघर्ष क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अधिकारी जो छुट्टी पर थे और बाद में कोविड-19 के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के चलते अपनी ड्यूटी ज्वॉइन नहीं कर पाए थे, उन्हें जोखिम, कठिनाई और परिवहन भत्ते नहीं मिलेंगे।
सीआरपीएफ ने अपनी सभी यूनिटों से इन अधिकारियों के बारे में निर्धारित प्रारूप में डाटा प्रदान करने को कहा है। इस सप्ताह जारी एक आदेश में यूनिटों से कहा गया है कि वे इन सभी अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर दें। सूत्रों के मुताबिक, सीआरपीएफ ने ऐसे अधिकारियों को उनकी यूनिटों तक पहुंचने में मदद की भी योजना बनाई है और बल मानक संचालन प्रक्रियाओं पर काम कर रहा है।
इस आदेश के बारे में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'जिन लोगों ने अवकाश लिया था और लॉकडाउन के कारण अपनी यूनिटों को ज्वॉइन नहीं कर पाए थे, उन्हें कम वेतन मिलेगा। कठिनाई भत्ते तीन विभाजित श्रेणियों निम्न, मध्यम और उच्च पर निर्भर करते हैं। यह 1000 रुपये से शुरू होता है और कठिनाई भत्ते के रूप में हर महीने 25000 रुपये तक मिल जाते हैं। इसी तरह परिवहन भत्ता 1350 से 7200 रुपये के बीच होता है।'
वहीं एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) यानी अर्धसैनिक बलों में कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 60 फीसद से ज्यादा हो गई है। बता दें कि सीएपीएफ में अब तक कोरोना संक्रमण के 1,180 मामले सामने आए हैं और पिछले 15 दिनों के दौरान इसमें दोगुना वृद्धि भी हुई है।
मालूम हो कि अर्धसैनिक बलों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) आते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा बीएसएफ में चार सौ से ज्यादा संक्रमित मामले बताए गए हैं।