आनंद विहार में भीड़ जुटने का मामला: संदीप बने वित्त सचिव, गीतांजलि की जगह संजीव की तैनाती
उपराज्यपाल ने बुधवार को 1997 बैच के आइएएस संदीप कुमार को वित्त सचिव नियुक्त कर दिया। इस पद पर पहले राजीव वर्मा थे जिन्हें 29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आनंद विहार में भीड़ जुटने के मामले में हटाए गए वित्त सचिव की जगह वरिष्ठ आइएएस संदीप कुमार की तैनाती की गई है। संजीव खैरवार को मंडलायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आनंद विहार मामले की जांच गृह मंत्रालय द्वारा कराई जा रही है। इसमें दिल्ली पुलिस से लेकर परिवहन विभाग तक के अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है।
उपराज्यपाल ने बुधवार को 1997 बैच के आइएएस संदीप कुमार को वित्त सचिव नियुक्त कर दिया। इस पद पर पहले राजीव वर्मा थे, जिन्हें 29 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निलंबित कर दिया था। वर्मा मंडलायुक्त की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे। मंडलायुक्त के पद पर मंगलवार को 1996 बैच की आइएएस गीतांजलि गुप्ता की तैनाती की गई थी, लेकिन बुधवार को जारी नए आदेश में अब यह जिम्मेदारी 1994 बैच के आइएएस संजीव खिरवार को दे दी गई।
वहीं उपराज्यपाल के निर्देश पर बुधवार को जारी आदेश में जी नरेंद्र को प्रधान सचिव कोऑपरेशन की जिम्मेदारी दी गई है। वह डीएससीएससी के सीएमडी का कार्यभार संभाल रहे थे। शहरी विकास विभाग के सचिव एच राजेश प्रसाद अब डीएससीएससी के सीएमडी की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इससे पहले मंगलवार को जारी आदेश में शिक्षा विभाग के सचिव की जिम्मेदारी देख रहीं 1995 बैच की आइएएस मनीषा सक्सेना को परिवहन आयुक्त बनाया गया था। इस पद पर कार्यरत रेणु शर्मा को 29 मार्च को निलंबित कर दिया गया था।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज
लॉकडाउन के बीच आनंद विहार बस अड्डे पर दूसरे राज्यों में जाने वाले लोगों की भीड़ जुटने के मामले में पुलिस ने परिवहन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। हालांकि आरोपितों में किसी का नाम नहीं दिया गया है। आरोप है कि विभाग के अधिकारियों के इशारे पर काफी संख्या में लोग बसों से लाए गए थे।
शकरपुर थाने के एसआइ मुकेश की शिकायत पर यह केस दर्ज किया गया है। मुकेश ने शिकायत में बताया कि वह 29 फरवरी को अन्य पुलिसकर्मियों के साथ विकास मार्ग पर पिकेट पर तैनात थे। सुबह से शाम तक यहां पर करीब 44 बसों को रोका गया, जिसमें काफी संख्या में लोग भरे हुए थे।
चालकों से पूछताछ में पता चला कि उन्हें ऊपर से ऐसा आदेश दिया गया था। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही परिवहन विभाग के अधिकारियों को नोटिस भेजकर पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा। बता दें कि इससे पहले यात्रियों से सौ-सौ रुपये लेने पर परिवहन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पटपड़गंज औद्योगिक क्षेत्र में केस दर्ज किया गया था।