यस बैंक में जमा हैं महाराष्ट्र के तीन नगर निकायों के 1,125 करोड़, गुजरात की नगर निगम के भी करोड़ों जमा
यस बैंक में सरकारी संस्थाओं के भी करोड़ों रुपये जमा हैं। महाराष्ट्र के तीन बड़े नगर निकायों के करीब 1125 करोड़ जबकि गुजरात की राजकोट नगर निगम के 160 करोड़ जमा हैं।
मुंबई, आइएएनएस। महाराष्ट्र के तीन बड़े नगर निकायों के करीब 1,125 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा हैं। पिंपरी-चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी), नासिक नगर निगम (एनएमसी) और नासिक नगर स्मार्ट सिटी विकास निगम लिमिटेड (एनएमएससीडीसीएल) ने स्वीकार किया है कि उनके क्रमश: 800, 310 और 15 करोड़ रुपये यस बैंक में जमा हैं। पीसीएमसी के नगर आयुक्त श्रवण हार्दिकर ने बताया कि निगम ने यस बैंक में धनराशि इसलिए जमा की थी क्योंकि यह बैंक सबसे ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहा था।
विवरण तलब
इस घटनाक्रम के मद्देनजर हालिया हफ्तों में महाराष्ट्र सरकार ने दूसरी बार विभिन्न नगर निकायों, राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थाओं और अन्य सरकारी विभागों से विभिन्न निजी बैंकों में जमा सरकारी धन का विवरण मांगा है।
स्मार्ट सिटी मिशन के 160 करोड़ निकालने की मांगी अनुमति
अहमदाबाद, पीटीआइ। गुजरात में राजकोट नगर निगम ने भारतीय रिजर्व बैंक को पत्र लिखकर यस बैंक में जमा स्मार्ट सिटी मिशन के 160 करोड़ रुपये निकालने की अनुमति मांगी है। राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री नितिन पटेल ने गांधीनगर में बताया कि इन 160 करोड़ रुपयों के अलावा सरकार की यस बैंक में और कोई धनराशि जमा नहीं है। यह 160 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और राजकोट नगर निगम के हैं।
शुरू हुई ईडी की कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि बैंकिंग रेगुलेटर RBI द्वारा Yes Bank को लेकर हाल में उठाए गए सख्त कदमों की वजह से यह बैंक चर्चा के केंद्र में है। बैंक के संस्थापक राणा कपूर के घर से शुक्रवार रात शुरू हुई ईडी की कार्रवाई शनिवार को उनकी बेटियों एवं परिवार के अन्य सदस्यों तक पहुंच गई। ईडी ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए राणा कपूर की तीन बेटियों राखी कपूर टंडन, रोशनी कपूर एवं राधा कपूर के घर पर भी छापेमारी करके उनसे पूछताछ की।
राणा कपूर से पूछताछ
बताया जाता है कि राणा कपूर को भी प्रवर्तन निदेशालय ने अपने कार्यालय में बुलाकर घंटों पूछताछ की। ईडी सूत्रों की मानें तो यस बैंक से लिए गए भारी भरकम कर्ज के बदले दीवान हाउसिंग फाइनांस लि. (डीएचएफएल) ने राणा कपूर के परिवार की कंपनी को 600 करोड़ का ऋण दिया था। सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय कुछ ऐसी कंपनियों के बीच हुए करीब 5000 करोड़ रुपयों के लेनदेन की भी जांच कर रहा है, जो या तो राणा कपूर के परिवार की थीं, या हैं, अथवा डीएचएफएल से जुड़े लोगों की रही हैं।