'महिलाओं के खिलाफ अपराध को सख्ती से निपटना होगा'
सरकार ने देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध और रेप की घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए ऐसे मामलों को कड़ाई से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया है। दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद देशभर के शीर्ष नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री
नई दिल्ली। सरकार ने देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराध और रेप की घटनाओं को अस्वीकार्य बताते हुए ऐसे मामलों को कड़ाई से रोकने की आवश्यकता पर बल दिया है। दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद देशभर के शीर्ष नौकरशाह और पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि 16 दिसंबर को चलती बस में गैंगरेप की घटना और उसके बाद पीड़िता की सिंगापुर में इलाज के दौरान मौत के बाद कानून का पालन कराने वाली एजेंसियों और आपराधिक न्याय प्रणाली की ओर से गंभीर आलोचनात्मक टिप्पणियां की गई थी। उन्होंने कहा इस घटना ने हमें कानून में व्यापक बदलाव की आवश्यकता को महसूस कराया है। शिंदे ने कहा कि समाज के कमजोर तबके खासकर महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घटनाएं हमारे समाज और लोकतंत्र के लिए अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि इसके खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
शिंदे ने कहा कि देश की आजादी को 65 साल बीत जाने के बावजूद महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध कम नहीं हुई हैं। हमें पूरे तंत्र पर गंभीरता पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने इस तरह के अपराध को रोकने के लिए स्कूल स्तर पर जागरुकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया।
गृहमंत्री ने कहा कि विधायिका स्तर पर कानून में बदलाव मसले के समाधान का एक हिस्सा भर है। सबसे बड़ी समस्या निचले स्तर पर कानून के क्रियान्वयन को लेकर है। उन्होंने कहा कि सभी अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई से ही कानून के प्रति लोगों का सम्मान बढ़ेगा। शिंदे ने कहा कि कानून के पालन में आने वाली बाधाओं की पहचान, समय-समय पर कानून में बदलाव और जांच की पद्धति पर विचार-विमर्श हमारी प्रमुख प्राथमिकताएं हैं जिससे जल्द से जल्द सुनवाई पूरी हो सके और दोषियों को समयबद्ध सजा मिल सके।
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