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Covid Pandemic: कोविन पोर्टल भारत के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़, आयुष्मान संगम कार्यक्रम का आयोजन

सरकार ने शनिवार को कहा कि कोविन प्लेटफार्म देश के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़ है लेकिन आत्मा में यह भारत के डाक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों का नेटवर्क है जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Sun, 03 Jul 2022 04:52 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2022 04:52 AM (IST)
Covid Pandemic: कोविन पोर्टल भारत के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़, आयुष्मान संगम कार्यक्रम का आयोजन
कोविन पोर्टल भारत के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़

नई दिल्ली, एएनआइ: सरकार ने शनिवार को कहा कि कोविन प्लेटफार्म देश के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़ है, लेकिन आत्मा में यह भारत के डाक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों का नेटवर्क है जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया है।

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पुणे में 30 जून और एक जुलाई को आयोजित क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के पांचवें संस्करण-'आयुष्मान संगम' में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डा. आरएस शर्मा ने उक्त बातें कहीं। इस समीक्षा बैठक का आयोजन एनएचए द्वारा किया गया था। बैठक में मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल डा. शर्मा ने कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई और टीकाकरण अभियान में डाक्टरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि Co-WIN प्लेटफार्म भारत के टीकाकरण अभियान की तकनीकी रीढ़ है। लेकिन आत्मा में यह हमारे डाक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों का नेटवर्क है जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया है। हमारे डाक्टरों ने न केवल महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, बल्कि आयुष्मान भारत अम्ब्रेला योजना PM-JAY जैसी प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय कार्यक्रम को दौरान पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में आयुष्मान भारत पीएम-जेएवाई और एबीडीएम दोनों योजनाओं द्वारा की गई प्रगति के आकलन के लिए एकजुट विचार विनिमय के रास्ते बनाए गए। कार्यक्रम के साथ-साथ, 1 जुलाई, 2022 को लगभग 1000 डाक्टरों को PM-JAY योजना के तहत प्रदान किए गए अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना का गंभीर संक्रमण नहीं

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) की विज्ञानी डा. तनु आनंद ने कहा कि 12 साल से बच्चों को कोरोना का गंभीर संक्रमण होने का खतरा कम है। डा. आनंद का बयान अभिभावकों के लिए बहुत राहत देने वाला है, जो गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने के बाद अपने बच्चों को लेकर डरे हुए हैं।


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