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Cow Adoption Scheme: कर्नाटक में शुरू होगी गौशालाओं से गाय गोद लेने की योजना, सीएम बोम्मई इस दिन करेंगे शुरुआत

Cow Adoption Scheme कर्नाटक में अब गौशालाओं से गाय लेने की योजना शुरू होगी। इस योजना के शुरू होने के बाद आम जनता भी गौशाला से गाय को गोद ले सकेंगे। राज्य सरकार आगामी 28 जुलाई को इस योजना की शुरुआत करेगी। ताकि आम जनता गाय को गोद ले सके।

By Mohd FaisalEdited By: Published: Sun, 24 Jul 2022 08:39 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jul 2022 08:39 AM (IST)
Cow Adoption Scheme: कर्नाटक में शुरू होगी गौशालाओं से गाय गोद लेने की योजना, सीएम बोम्मई इस दिन करेंगे शुरुआत
Cow Adoption Scheme: कर्नाटक में शुरु होगी गौशालाओं से गाय गोद लेने की योजना (फोटो: एएनआइ)

बेंगलुरु, एजेंसी। Cow Adoption Scheme- कर्नाटक में जल्द ही गौशालाओं से गाय गोद लेने की योजना शुरू की जाएगी। इस बात की जानकारी कर्नाटक के पशुपालन मंत्री प्रभु भामला चव्हाण ने दी है। उन्होंने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार 28 जुलाई से गाय गोद लेने की योजना शुरू करने जा रही है। चव्हाण ने कहा सरकार देश में पहली बार पुण्यकोटि दत्तू योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में 215 से अधिक निजी गौशालाओं में गायों को आश्रय दिया गया है।

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पशुपालन मंत्री प्रभु भामला चव्हाण ने की लोगों से अपील

कर्नाटक के पशुपालन मंत्री प्रभु भामला चव्हाण ने लोगों से अपील की है कि वे पुण्यकोटि दत्तक पोर्टल के माध्यम से किसी भी गौशाला से प्रति गाय 11,000 रुपये प्रति वर्ष का भुगतान करके गायों को गोद लें। उन्होंने कहा कि फीड ए गाय योजना के तहत लोगों को विशेष अवसरों (जन्मदिन, शादी की सालगिरह आदि) पर पुण्यकोटि दत्तू पोर्टल से जुड़ी किसी भी गौशाला में 70 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जितनी चाहें उतनी गायों को खिलाने की अनुमति दी गई है। लोग किसी भी गौशाला को अपनी क्षमता के अनुसार कम से कम 10 रुपये दान कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई करेंगे योजना की शुरुआत

बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई 28 जुलाई को मुख्यमंत्री के तौर पर एक साल पूरा करेंगे और उसी दिन इस कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। मंत्री ने कहा कि राज्य में 215 से अधिक निजी गौशालाओं में मवेशियों को आश्रय दिया गया है। मंत्री के मुताबिक, 100 सरकारी गोशालाएं धीरे-धीरे शुरू की जा रही हैं और इन सभी गौशालाओं में घरेलू और क्रासब्रेड मवेशी, जरूरतमंद, थके हुए, बूढ़े, रोगग्रस्त, किसानों द्वारा छोड़े गए नर बछड़ों और अदालत द्वारा जब्त किए गए मवेशी और पुलिस हिरासत में आश्रय और पोषण किया जा रहा है।

जनता को प्रेरित करना है सरकार का मकसद

उन्होंने बताया कि इस परियोजना का उद्देश्य गौशालाओं में मवेशियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए जनता को प्रेरित करना और गोशालाओं को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए गौशालाओं का संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि लोगों के सहयोग से गौशालाएं चलाई जाएंगी।


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