Move to Jagran APP

Covid-19: सुप्रीम कोर्ट ने गठित की टास्क फोर्स, ऑक्सीजन की उपलब्धता व भविष्य की चुनौतियों पर होगा काम

अदालत ने कहा कि केंद्र एंबुलेंस निचले स्तर के कोविड केयर सुविधाओं और होम क्वारंटाइन में रोगियों जैसे कारकों पर काम करने में विफल रहा। ऑक्सीजन की उपलब्धता और वितरण को लेकर 12-सदस्यीय नेशन टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 05:17 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 11:09 PM (IST)
Covid-19: सुप्रीम कोर्ट ने गठित की टास्क फोर्स, ऑक्सीजन की उपलब्धता व भविष्य की चुनौतियों पर होगा काम
Covid-19: ऑक्सीजन की आवश्यकता और वितरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किया टास्क फोर्स का गठन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को वैज्ञानिक फार्मूले और जरूरत के आधार पर पर्याप्त आक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष मेडिकल विशेषज्ञों की 12 सदस्यीय नेशनल टास्क फोर्स गठित किया है। यह टास्क फोर्स आक्सीजन सप्लाई के आडिट के लिए उपसमूह बनाएगी और केंद्र सरकार को अपने सुझाव देगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि जब तक टास्क फोर्स अपने सुझाव देती है, केंद्र सरकार दिल्ली को रोजाना 700 टन आक्सीजन की आपूर्ति जारी रखेगी। इसमें कोई कटौती नहीं की जाएगी। ये आदेश न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली को आक्सीजन आपूर्ति मामले में दिए हैं।

loksabha election banner

कोर्ट ने दिल्ली के आक्सीजन आडिट के उपसमूह में एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, मैक्स हेल्थकेयर के संदीप बुद्धिराजा और केंद्र व दिल्ली के एक-एक आइएएस अधिकारियों को शामिल करने का आदेश दिया है। आइएएस अधिकारी संयुक्त सचिव स्तर से कम के नहीं होने चाहिए। इसके अलावा पीठ ने आदेश में कहा है कि नेशनल टास्क फोर्स के संयोजक कैबिनेट सचिव होंगे और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव टास्क फोर्स में पदेन सदस्य होंगे।यह आरोप लगाया जा रहा है कि कुछ राज्य आक्सीजन का सही उपयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं कुछ राज्यों को जरूरत से ज्यादा आवंटित किया जा रहा है।

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि नेशनल टास्क फोर्स पूरे देश के लिए आक्सीजन की उपलब्धता और वितरण का आकलन कर सिफारिशें देगी। साथ ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तर्कसंगत, बराबर और वैज्ञानिक आधार पर आक्सीजन की आपूर्ति की प्रणाली बनाएगी। टास्क फोर्स आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की समीक्षा कर उपाय भी सुझाएगी। ग्रामीण इलाकों में नए समाधानों के साथ विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने के लिए मौजूदा कार्यबल और तकनीक का इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाएगा।

टास्क फोर्स प्रशिक्षित डाक्टर, नर्सो और पैरामेडिकल स्टाफ बढ़ाने के सुझाव देगी और उनके लिए उचित प्रोत्साहन के उपाय भी सुझाएगी। महामारी के प्रति प्रभावी कदम उठाने के लिए साक्ष्य आधारित अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा। महामारी प्रबंधन और उसके इलाज के बेहतर तौर तरीकों की जानकारी पूरे देश में साझा करने की जिम्मेदारी भी टास्क फोर्स को दी गई है।

कोर्ट ने कहा है कि टास्क फोर्स प्रत्येक राज्य के लिए उपसमूह बनाएगी, जिसमें राज्य के सचिव स्तर के नीचे का अधिकारी नहीं होगा और उसमें केंद्र का एडिशनल या संयुक्त सचिव स्तर से नीचे का अधिकारी नहीं होगा। नेशनल टास्क फोर्स तत्काल प्रभाव से काम शुरू कर देगी और समय-समय पर कोर्ट को भी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्र सरकार टास्क फोर्स के सुझाव आने के बाद आक्सीजन व अन्य चीजों की आपूर्ति के बारे में उचित निर्णय लेगी। कोर्ट ने कहा है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए टास्क फोर्स बहुत तेजी से एक सप्ताह में आक्सीजन पहुंचाने के तौर तरीके तय करेगी। टास्क फोर्स का कार्यकाल छह महीने का होगा। केंद्र सरकार और सभी अस्पताल आदि टास्क फोर्स को पूरा सहयोग देंगे। मामले की अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

आडिट की जिम्मेदारी उपसमूह को

कोर्ट ने कहा है कि राज्यों के उपसमूह इस बात का आडिट करेंगे कि केंद्र की ओर से आवंटित आपूर्ति हुई है कि नहीं। वे अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में आपूर्ति के प्रभाव का आडिट करेंगे। साथ ही देखेंगे कि उपलब्ध स्टाक प्रभावी, पारदर्शी और व्यावसायिक तंत्र के तहत वितरित किया गया या नहीं। ये उपसमूह राज्य को आवंटित आक्सीजन के इस्तेमाल की जवाबदेही देखेंगे।

टास्क फोर्स के सदस्य-डॉ. भाबतोश बिस्वास, पूर्व वाइस चांसलर, पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, कोलकाता -डॉ. देवेंद्र सिंह राणा, चेयरपर्सन, बोर्ड आफ मैनेजमेंट, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली -डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी, चेयरपर्सन एवं एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, नारायण हेल्थकेयर, बेंगलुरु -डॉ. गगनदीप कांग, प्रोफेसर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु -डॉ. जेवी पीटर, डायरेक्टर, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर, तमिलनाडु -डॉ. नरेश त्रेहन, चेयरपर्सन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, मेदांता हॉस्पिटल एंड हार्ट इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम -डॉ. राहुल पंडित, डायरेक्टर, क्रिटिकल केयर मेडिसिन एंड आइसीयू, फोर्टिस हॉस्पिटल, मुलुंद एवं कल्याण (महाराष्ट्र) -डॉ. सौमित्र रावत, चेयरमैन एवं प्रमुख, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एवं लिवर ट्रांसप्लांट विभाग, सर गंगा राम अस्पताल, दिल्ली -डॉ. शिव कुमार सरीन, सीनियर प्रोफेसर एवं प्रमुख, हेपेटोलॉजी विभाग तथा डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलियरी साइंस (आइएलबीएस), दिल्ली -जरीर एफ उडवाडिया, कंसल्टेंट चेस्ट फिजीशियन, हिंदुजा हॉस्पिटल, ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल पारसी जनरल हॉस्पिटल, मुंबई - सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय -केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव टास्क फोर्स के संयोजक होंगे और जरूरत पड़ने पर सहयोग के लिए एक अधिकारी की नियुक्ति कर सकेंगे, जिसकी रैंक अतिरिक्त सचिव से कम नहीं होगी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.