Move to Jagran APP

देश में 5जी टेस्टिंग के कारण नहीं फैल रही कोरोना की दूसरी लहर, वायरल दावों को बताया गया गलत

5जी टेस्टिंग पर तरह-तरह के मैसेज भेजे जा रहे हैं। एक मैसेज में लिखा है कि 5जी की टेस्टिंग बंद करो इंसानों को बचाओ। 5जी से लोगों के मरने को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह के दावे वायरल हैं। इन सभी दावों को गलत बताया गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 12:24 PM (IST)
देश में 5जी टेस्टिंग के कारण नहीं फैल रही कोरोना की दूसरी लहर, वायरल दावों को बताया गया गलत
क्या 5G टेस्टिंग की वजह से कोरोना तेजी से फैल रहा है ?(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, प्रेट्र। देश में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर इनदिनों इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। इंटरनेट मीडिया पर कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते संक्रमण और 5जी टेस्टिंग को जोड़कर किया जा रहा एक दावा तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया गया है कि भारत में जो कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई है और इसमें जितनी ज्यादा संख्या में लोगों की मौत हो रही है उसकी वजह कोई बीमारी नहीं बल्कि 5जी टावर की टेस्टिंग से निकलने वाला रेडिएशन है। वायरस पोस्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि इसी रेडिएशन को कोरोना की दूसरी लहर कहा जा रहा है।

loksabha election banner

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो चुके इन दावों को लेकर अब सफाई दी गई है। मोबाइल और दूरसंचार सेवा कंपनियों के मंच सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने इंटरनेट मीडिया पर वायरल इन दावों को गलत और झूठा बताया है। सीओएआई ने देश में कोविड-19 महामारी की लहर के पीछे 5जी दूरसंचार तकनीक को लेकर फैली अफवाहों को लेकर चिंता जताई है। सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने शुक्रवार को कहा कि सोशल मीडिया मंचों पर ऐसे कई संदेश और कुछ क्षेत्रीय मीडिया प्रकाशनों में भी ऐसी खबरें आ रही हैं कि 5जी स्पेक्ट्रम के ट्रायल की वजह से देश में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं।

सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के महानिदेशक एस पी कोच्चर ने एक बयान में कहा- 'हम साफ करना देना चाहते हैं कि इन अफवाहों में कोई सच्चाई नहीं है। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे इस तरह की आधारहीन गलत सूचना को सच न मानें। दुनिया में पहले ही कई देशों में 5जी नेटवर्क शुरू हो चुके हैं और लोग सुरक्षा के साथ इन सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं।' उन्होंने कहा़, "यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी साफ किया है कि 5जी तकनीक और कोविड-19 के बीच कोई लेना-देना नहीं है।'

'विश्वास न्यूज' ने किया फैक्ट चेक

दैनिक जागरण की फैक्ट चेक वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने भी इन दावों को गलत बताया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। WHO 5जी टेक्नोलॉजी और कोरोना से जुड़े इस दावे को पहले ही खारिज कर चुका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मेडिकल साइंस में यह साबित हो चुका है कि कोविड-19 एक वायरस है और इसका संक्रमण ही वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है।

पड़ताल

कोविड-19 और 5जी टेक्नोलॉजी को लेकर ऐसा ही दावा पिछले साल भी वायरल हो चुका है। तब भी यह दावा किया जा रहा था कि 5जी नेटवर्क टावरों से निकलने वाले रेडिएशन की वजह से मौतें हो रही हैं, जिन्हें छिपाने के लिए कोरोना वायरस का नाम दिया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने तब इस वायरल दावे के संबंध में यूनिवर्सिटी ऑफ वोलोन्गॉन्ग के प्रोफेसर और इंटरनेशनल कमिशन ऑन लॉन आयोनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (ICNIRP) के सदस्य रोडनी क्रॉफ्ट से संपर्क किया था। तब उन्होंने हमें बताया था कि 5जी डिवाइसों से काफी कम मात्रा में नॉन आयनाइजिंग रेडिएशन निकलता है, जिसे शरीर आसानी से पचा लेता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.