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NHRC ने केंद्र व राज्यों को जारी की एडवाइजरी, प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर कार्रवाई के निर्देश

कोविड -19 महामारी के दौरान एनएचआरसी ने केंद्र और राज्यों को तीन सलाह जारी की हैं। इसमें मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार बंधुआ मजदूरों की रिहाई और पुनर्वास की पहचान करना और महामारी के दौरान अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 07:36 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 07:36 AM (IST)
NHRC ने केंद्र व राज्यों को जारी की एडवाइजरी, प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर कार्रवाई के निर्देश
राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र वराज्यों को एडवाइजरी जारी की है।

नई दिल्ली, एजेंसी। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने कोरोना के मद्देनजर मानसिक स्वास्थ्य, बंधुआ मजदूर और प्रवासी कामगारों के मुद्दे पर केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) प्रशासनों को एडवाइजरी जारी कर चार सप्ताह के भीतर विशिष्ट कार्रवाई करने को कहा है।

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आयोग ने अपने महासचिव बिंबाधर प्रधान के जरिये केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, श्रम और बेरोजगारी, महिला और बाल कल्याण मंत्रालयों, राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के सचिवों को पत्र लिखकर एडवाइजरी में की गई सिफारिशों पर चार हफ्ते में कार्रवाई करने को कहा है। एडवाइजरी में मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार, बंधुआ मजदूरों की रिहाई और पुनर्वास की पहचान करना और महामारी के दौरान अनौपचारिक श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना शामिल है।

एनएचआरसी की एडवाइजरी

1. बंधुआ मजदूर, 2016 के पुनर्वास के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना के विभिन्न घटकों के तहत नकद सहायता की प्रतिपूर्ति और प्रस्तुत प्रस्तावों पर स्थिति के लिए प्रमुख सचिव, श्रम विभाग, श्रम और रोजगार मंत्रालय के साथ समन्वय करने के लिए अवर सचिव के पद के नीचे एक राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे।

2. श्रम और रोजगार मंत्रालय को निधि के तत्काल वितरण पर विचार करना चाहिए यदि राज्य सरकारों द्वारा प्रक्रियाओं का विधिवत पालन किया जाता है।

3. जिला प्रशासन को रिहा किए गए बंधुआ मजदूरों को बचाव के बाद तत्काल नकद और यात्रा सहायता सुनिश्चित करनी चाहिए।

4. राज्य श्रम विभाग जिले के श्रम अधिकारियों से जुड़ा एक हेल्पलाइन नंबर तैयार करेगा, जिससे कार्यस्थल पर संकट में फंसे मजदूरों को तत्काल मदद मिल सके.

5. राज्य सरकार को एक कलैण्डर वर्ष में कम से कम दो बार बंधुआ मजदूरी के मुद्दों पर कार्यरत राज्य/जिला अधिकारियों के लिए वर्चुअल प्रशिक्षण की व्यवस्था करनी चाहिए;

6. राज्य सरकार को मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों और पुनर्वास का डाटाबेस तैयार करना चाहिए।

7. मुख्य सचिव कोविड-19 महामारी के दौरान बंधुआ मजदूरी और श्रम तस्करी के शिकार लोगों को रोकने और उनके पुनर्वास के लिए राज्य कार्य योजना तैयार करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश जारी कर सकते हैं।

8. केंद्रीय श्रम मंत्रालय और राज्य के श्रम विभागों को नियमित रूप से अपनी वेबसाइटों को अपडेट करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अद्यतन जानकारी के साथ डेटा का उचित प्रबंधन किया जाए।

9. राज्य के मुख्य सचिव सभी जिलाधिकारियों/उपायुक्तों को पत्र जारी कर जिला/उपमंडल स्तर पर कार्यरत सतर्कता समितियों की अद्यतन सूची प्राप्त करें।

10. जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के साथ मिलकर काम करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि स्कूलों में बच्चों के नामांकन को प्रोत्साहित किया जा सके तथा शिक्षा प्रणाली से बाहर और बाल श्रम में बच्चों की संख्या को कम किया जा सके।


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