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Covid-19: देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए IAF ने 21 दिनों में 1400 घंटे उड़ान भरी

वायु सेना ने इस मेगा ऑपरेशन के लिए 42 परिवहन विमान तैनात किए हैं जिनमें छह प्रत्येक C-17 और Ilyushin-76 परिवहन विमान और 30 मध्यम लिफ्ट C-130Js और AN-32 विमान शामिल हैं। घरेलू क्षेत्र में 403 ऑक्सीजन कंटेनरों को स्थानांतरित करने के लिए 939 घंटों लगातार 634 उड़ानें भरी गई।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 04:32 PM (IST)
Covid-19: देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए IAF ने 21 दिनों में 1400 घंटे उड़ान भरी
Covid-19: देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार के लिए IAF ने 21 दिनों में 1400 घंटे उड़ान भरी

नई दिल्ली, एएनआइ। चिकित्सा ऑक्सीजन और COVID राहत कार्यों के परिवहन में गहनता से लगे, भारतीय वायु सेना ने देश और विदेश दोनों से 498 ऑक्सीजन टैंकरों को स्थानांतरित करने के लिए अपने परिवहन विमान और हेलीकॉप्टरों की 732 से अधिक उड़ाने भरी है ताकि देश को महामारी से लड़ने में मदद मिल सके। 

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वायु सेना ने इस मेगा ऑपरेशन के लिए 42 परिवहन विमान तैनात किए हैं जिनमें छह प्रत्येक C-17 और Ilyushin-76 परिवहन विमान और 30 मध्यम लिफ्ट C-130Js और AN-32 विमान शामिल हैं। भारतीय वायु सेना के प्रवक्ता ने एएनआई को बताया, 'घरेलू क्षेत्र में, हमारे पायलटों ने 403 ऑक्सीजन कंटेनरों को स्थानांतरित करने के लिए 939 घंटों लगातार 634 उड़ानें भरी है, जिसमें 163.3 मीट्रिक टन अन्य उपकरणों के साथ 6856.2 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ले जाया गया।

आईएएफ ने जर्मनी, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और सिंगापुर सहित नौ से अधिक देशों में भी ऑक्सीजन कंटेनर और अन्य राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरी है। IAF के अधिकारियों ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में, हमारे विमानों ने इन विदेशी राष्ट्रों से 95 कंटेनरों को लाने के लिए 98 उड़ानें भरी, जिसमें 480 घंटे लगे।'

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना द्वारा विदेश से लाए गए कंटेनर 793.1 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ले जाने में मदद कर सकते हैं, जबकि 204.5 मीट्रिक टन अन्य राहत सामग्री भी प्रवाहित की गई।

भारतीय वायु सेना 21 अप्रैल से देश के भीतर और बाहर दोनों जगह ऑक्सीजन की एयरलिफ्टिंग में लगी हुई है और इन ऑपरेशनों के लिए विशेष टीमों और कर्मचारियों को लगाया गया है, इसमें काम करने वाले लोग एक विशेष सुरक्षा के तहत काम कर रहे हैं, जिनमें किसी भी संक्रमण से वे बच सकें। वहीं, वायु सेना उत्तरी क्षेत्रों में भी अपना दबदबा बनाई हुई है, जहां पिछले साल से भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं।


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