आंत की बैक्टीरिया में असंतुलन से कोरोना संक्रमण का बढ़ता है जोखिम
गट बैक्टीरिया का लिंक कोरोना वायरस के संक्रमण से है। यह बात नवीनतम रिसर्च में सामने आई है। आंत में मौजूद बैक्टीरिया यानि माइक्रोबायोम कोविड-19 के जोखिम को बढ़ाता है क्योंकि कोरोना संक्रमण सांस की बीमारी होने के साथ आंत से भी प्रभावित होता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना वायरस और गट यानि आंत में मौजूद बैक्टीरिया का आपस में गहरा नाता है। कोरोना वायरस (कोविड-19) पीड़ितों में संक्रमण के गंभीर होने या बीमारी से जुड़े लक्षणों का असर लंबे समय तक रहने का एक नया कारण सामने आया है। एक नए अध्ययन का दावा है कि गट (आंत) बैक्टीरिया में असंतुलन का संबंध कोरोना संक्रमण के बढ़ने और लक्षणों का असर हफ्तों या महीनों तक बरकरार रहने के खतरे से पाया गया है।
जर्नल गट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, आंत में विविध प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। इन्हें माइक्रोबायोम के तौर पर जाना जाता है। ये कोविड-19 की गंभीरता पर असर डाल सकते हैं। यही नहीं कोरोना संक्रमण के प्रति इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) के रिस्पांस को भी प्रभावित कर सकते हैं। चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने कहा कि कोरोना को मुख्य रूप से सांस संबंधी बीमारी का कारण माना गया है, लेकिन साक्ष्यों से जाहिर होता है कि आंत की भी अहम भूमिका हो सकती है।
शोधकर्ताओं ने कहा, 'रिपोर्ट से पता चलता है कि कोरोना से उबरने वाले मरीजों ने थकान, सांस लेने में तकलीफ और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षणों को लंबे समय तक महसूस किया। इनमें से कुछ लक्षण बीमारी से उबरने के 80 दिन बाद तक महसूस किए गए। हमारा मानना है कि कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद इम्यून संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं में गट माइक्रोबायोम का योगदान हो सकता है।' शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष गत वर्ष फरवरी और मई के बीच अस्पताल में भर्ती रहे 100 से ज्यादा कोरोना मरीजों के रक्त नमूनों और रिकॉर्ड के विश्लेषण के आधार पर निकाला है।
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, मंगलवार सुबह तक दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमण का आंकड़ा 9 करोड़ 8 लाख के पार चला गया और मरने वालों की संख्या 19 लाख 40 हजार से अधिक हो गई है।
दुनिया के सभी देशों में अमेरिका सबसे अधिक संक्रमित है। यहां अब तक कुल संक्रमण के मामले 22,612,384 हैं और मरने वालों की संख्या 376,051 है।