विशेषज्ञों की राय- हवा के जरिये फैलता है कोरोना वायरस, लंबे समय तक बने रह सकते हैं ड्रॉपलेट्स
सीडीसी के डायरेक्टर डॉ. रोसेल वेलेंस्की ने गत दिवस व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा ‘सतह से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बेहद कम है।’ हालांकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस तथ्य में ज्यादा स्पष्टता आई कि कोरोना वायरस प्राथमिक तौर पर हवा के जरिये फैलता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स से। कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद विज्ञानी प्रारंभिक अध्ययन के आधार पर एडवाइजरी जारी करने लगे। विशेषज्ञों ने बताया था कि सतह पर फैले कोरोना वायरस वाले ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से भी संक्रमण हो सकता है। दुनिया ने इसे गंभीरता से लिया और घर से लेकर सार्वजनिक स्थानों की सतहों की सफाई पर जोर दिया जाने लगा।
जब किसी दफ्तर में कोई कोरोना संक्रमित होता तो उस परिसर को 24-48 घंटे के लिए खाली कराकर सैनिटाइजेशन का काम किया जाता। इस समय जबकि भारत में कोरोना की दूसरी लहर जोरों पर है, अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने विशेषज्ञों के नए अध्ययन निष्कर्षो पर मुहर लगाते हुए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि सतह को छूने से कोरोना संक्रमित होने का खतरा 10 हजार में से किसी एक व्यक्ति को हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय, हवा के जरिये फैलता है कोरोना वायरस: सीडीसी के डायरेक्टर डॉ. रोसेल वेलेंस्की ने गत दिवस व्हाइट हाउस में मीडिया से कहा, ‘सतह से कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बेहद कम है।’ वर्जीनिया टेक की विशेषज्ञ लिंसे मार के अनुसार, ‘बहुत समय से लोग सतह की सफाई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, लेकिन अभी तक ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है कि कोई व्यक्ति सहत को छूने के कारण कोरोना संक्रमित हुआ हो। सतह की साफ-सफाई हम पहले से करते आ रहे हैं। कोरोना काल में इसकी आवृत्ति ज्यादा हुई और इससे लोगों में सुरक्षा की भावना बढ़ी। हालांकि, पिछले वर्ष के मुकाबले इस तथ्य में ज्यादा स्पष्टता आई कि कोरोना वायरस प्राथमिक तौर पर हवा के जरिये फैलता है। ड्रॉपलेट्स हवा में लंबे समय तक बने रह सकते हैं। ऐसे में दरवाजे के हैंडल और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को बैठने के लिए बनाई गई सीट का सैनिटाइजेशन उन्हें सुरक्षित रखने में बेहद मामूली रूप से मदद करता है।’ कई अन्य विशेषज्ञ भी इस तर्क से सहमत नजर आते हैं।
बनाए रखें अच्छी आदतें: जॉर्ज मेसन यूनिवर्सिटी की महामारी विशेषज्ञ सास्किया पोपेस्कु सीडीसी के नए दिशा-निर्देशों को महामारी के दौरान संक्रमण के प्रसार के आंकड़ों का प्रतिबिंब बताती हैं। हालांकि, वे कहती हैं कि नियमित साफ-सफाई और हाथ धोने जैसी अच्छी आदतों को बरकरार रखना चाहिए। इससे न सिर्फ कोरोना संक्रमण बल्कि दूसरी बीमारियों के विषाणुओं या कीटाणुओं से बचाव में मदद मिलती है।
प्रभावी हैं एहतियाती उपाय: सीडीसी ने नए दिशा-निर्देशों में कहा है कि सामान्य साबुन और पानी से सफाई, हाथ धोने व मास्क पहनने जैसे एहतियाती उपाय सतह से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए काफी हैं। रोजमर्रा के काम में रासायनिक कीटाणुनाशक के इस्तेमाल की जरूरत नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के एयरोसोल विज्ञानी डोनाल्ड मिल्टन कहते हैं, ‘बार-बार स्प्रे या फॉ¨गग करना मददगार नहीं है।’
संभव नहीं कई स्तर पर चूक: हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के बिल्डिंग सेफ्टी एक्सपर्ट जोसेफ एलेन कहते हैं, ‘सतह से कोरोना संक्रमण की बात सैद्धांतिक तौर पर सही मानी जा सकती है, लेकिन कई स्तर पर चूक के बाद ही ऐसा संभव होगा। मसलन, सतह पर ताजे और संक्रामक वायरस की विपुल मात्र में उपलब्धता हो। बड़ी मात्र में और बहुत तेजी से वायरस किसी व्यक्ति के हाथों तक पहुंचे और वह तत्काल अपने हाथों से चेहरे को छू ले।’
यहां जरूरी है सैनिटाइजेशन: नए दिशा-निर्देश में भी यह बात कही गई है कि अगर किसी जगह विशेष पर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उस जगह को साफ व सैनिटाइज किया जाना चाहिए। व्हाइट हाउस ब्रीफिंग के दौरान डॉ. वालेंस्की ने कहा, ‘जिस बंद जगह (घर या स्कूल) पर पिछले 24 घंटे में कोई कोरोना संदिग्ध या संक्रमित रहा हो, उसे सैनिटाइज किए जाने की सलाह दी गई है। ज्यादातर मामलों में फॉ¨गग, धुआं करना व इलेक्ट्रोस्टैटिक स्प्रे को सैनिटाइजेशन का प्रारंभिक माध्यम नहीं माना गया है, क्योंकि इनसे सुरक्षा से जुड़े कई खतरे हो सकते हैं। हालांकि, नया दिशा-निर्देश स्वास्थ्य सेवाओं पर लागू नहीं होता, क्योंकि वहां ज्यादा गहरी सफाई और सैनिटाइजेशन की जरूरत होती है।’
पूरी तरह सुरक्षित हैं अखबार: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष डॉ. अनिल गोयल ने बताया कि कोरोना वायरस हवा के जरिये मनुष्यों में पहुंचता है। अखबार मशीन में प्रिंट होकर निकलता है। ऐसे में उससे संक्रमण की आशंका नहीं है। साथ ही अखबार का वितरण करने वाले कर्मयोगी आजकल पूरी तरह मास्क और दस्ताने का प्रयोग करते हुए लोगों तक समाचार पत्र को पहुंचा रहे हैं। इसलिए अखबार सुरक्षित है।
एम्स के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर मल्ही ने बताया कि अखबार से कोरोना वायरस फैल सकता है, इसका अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिला है। अखबार समाचार के साथ-साथ ज्ञानवर्धन का भी सशक्त माध्यम है। इसके जरिये सरकार द्वारा दिल्ली समेत देशभर में कोरोना से लड़ने के लिए अस्पतालों में की जा रही व्यवस्थाओं की भी जानकारियां मिलती है। इसलिए अखबार लेने में बिल्कुल संकोच न करें।