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COVID-19 New Variant: कोरोना की दूसरी लहर के लिए डबल म्यूटेंट वायरस जिम्मेदार !

COVID-19 New Double Mutant 10 राज्यों में प्रसार की आशंका स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट के 10 राज्यों में पहुंचने की आशंका है। इनमें महाराष्ट्र दिल्ली बंगाल गुजरात कर्नाटक व गुजरात आदि शामिल हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 11:21 AM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 11:31 AM (IST)
COVID-19 New Variant: कोरोना की दूसरी लहर के लिए डबल म्यूटेंट वायरस जिम्मेदार !
ई484क्यू व एल452आर के साथ होने से वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना की रफ्तार दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। संक्रमितों का दैनिक आंकड़ा दो लाख पार कर चुका है। विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारणों की तलाश में जुटे हैं। पिछले सप्ताह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) ने महाराष्ट्र की जिला प्रयोगशालाओं के साथ एक बैठक में कुछ आंकड़े साझा किए। राज्य में जनवरी से मार्च तक 361 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई, जिनमें 220 (करीब 61%) में डबल म्यूटेंट वैरिएंट पाए गए। सूत्रों के अनुसार, देशभर में 1.40 लाख नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो चुकी है।

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क्या है बी.1.617 : डबल म्यूटेंट वैरिएंट को बी.1.617 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें ई484क्यू व एल452आर दोनों प्रकार के म्युटेशन पाए गए हैं। कई देशों में ये वैरिएंट अलग-अलग पाए गए हैं, लेकिन भारत में पहली बार दोनों एक साथ सामने आए हैं। दोनों म्युटेशन वायरस के स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं, जो मनुष्यों की कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को आसान बनाते हैं। ई484क्यू म्यूटेशन ई484के की तरह है जो ब्रिटेन (बी.1.1.7) व दक्षिण अफ्रीकी (बी.1.351) वैरिएंट में पाया गया था। एल452आर म्यूटेशन पहली बार कैलिफोर्निया (बी.1.427 व बी.1.429) में पाया गया था, जब वहां कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने लगा था। यह स्पाइक प्रोटीन की ताकत में इजाफा करता है, जिसके कारण कोरोना वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है। एल452आर वायरस में प्रतिरूप पैदा करने की क्षमता को बढ़ाता है। ई484क्यू व एल452आर के साथ होने से वायरस ज्यादा संक्रामक हो जाता है। वह प्रतिरक्षा प्रणाली को भेदने में भी सक्षम हो जाता है।

क्या ज्यादा खतरनाक है भारत में पाया गया नया वैरिएंट: अभी तक ऐसे साक्ष्य नहीं मिले हैं। ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में ठीक हो जा रहे हैं। हालांकि, वैज्ञानिक साक्ष्यों के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग के आंकड़ों के साथ इसका क्लिनिकल ट्रायल होना चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट का प्रसार तेजी से होता है, ज्यादा संक्रामक है और पूरे परिवार को संक्रमित कर सकता है, लेकिन इससे होने वाले संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती होने जैसी स्थितियां कम पैदा होती हैं। ज्यादातर मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई देते, लेकिन इनकी बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं।

पहली बार कहां मिला: यह पहली बार महाराष्ट्र में पाया गया था। जनवरी में विभिन्न जिलों से लिए गए नमूनों में से 19 की जांच की गई। इनमें से चार में बी.1.617 पाया गया। फरवरी में 18 जिलों से लिए गए 234 व 16 जिलों से 151 नमूनों की जांच हुई और उन सभी में यह वैरिएंट मौजूद रहा। मार्च में 94 में से 65 नमूनों में यह वैरिएंट मौजूद था।

कितना हो चुका है प्रसार: नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. सुजीत सिंह कहते हैं कि अभी महाराष्ट्र में कम सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग (जांच की प्रक्रिया) हुई है। इस नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट का कितना प्रसार हुआ है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्र कहते हैं कि देशभर में 1.40 लाख नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग की गई है। दूसरी लहर के लिए डबल म्यूटेंट वायरस को जिम्मेदार माना जा सकता है। हालांकि, विशेषज्ञ रिपोर्ट का विश्लेषण कर रहे हैं और अभी अंतिम रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता।

क्या वैक्सीन को भी दे सकता है मात: विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन लेने के बाद कुछ लोगों के संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनके नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा गया है या नहीं। हालांकि, ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट के बारे में पता है कि वे ज्यादा संक्रामक हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वैक्सीन लेने के बाद कोई संक्रमित होगा ही नहीं, बल्कि टीकाकरण के बाद अगर कोई संक्रमित होता है तो स्थिति गंभीर होने अथवा मृत्यु की आशंका कम रहती है।

10 राज्यों में प्रसार की आशंका : स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि डबल म्यूटेंट वैरिएंट के 10 राज्यों में पहुंचने की आशंका है। इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली, बंगाल, गुजरात, कर्नाटक व गुजरात आदि शामिल हैं।


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