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अयोध्या मुद्दे का फैसला केवल अदालत करेगी

अयोध्या मुद्दे का समाधान कोई कानून बनाकर नहीं किया जा सकता। इसका फैसला केवल अदालत से होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को यह बात स्पष्ट रूप से कह दी। एआईएमपीएलबी का यह बयान विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा राम मंदिर बनाने

By manoj yadavEdited By: Published: Sun, 07 Jun 2015 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2015 06:15 PM (IST)
अयोध्या मुद्दे का फैसला केवल अदालत करेगी

नई दिल्ली। अयोध्या मुद्दे का समाधान कोई कानून बनाकर नहीं किया जा सकता। इसका फैसला केवल अदालत से होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने रविवार को यह बात स्पष्ट रूप से कह दी। एआईएमपीएलबी का यह बयान विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा राम मंदिर बनाने के लिए सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग करने के बाद आया है।

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बोर्ड के प्रवक्ता अब्दुल रहीम कुरैशी ने कहा, "यह कहा गया है कि राम मंदिर बनाने के लिए संसद से एक कानून बनाया जाना चाहिए लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इस मामले का समाधान कानून बनाकर नहीं बल्कि अदालत के जरिये होगा। मुस्लिमों की इस सर्वोच्च संस्था के प्रवक्ता ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है और वह जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार्य होगा।

राम मुद्दे को उठाते हुए भाजपा सांसद विनय कटियार ने हाल में कहा था कि मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बगैर इस मुद्दे के समाधान के लिए आगे बढ़ना चाहिए। कटियार अयोध्या आंदोलन का चेहरा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि सरकार को कानून बनाकर या बातचीत से इस मुद्दे को हल कर भाजपा के वादे को पूरा करना चाहिए। कटियार अभी राज्यसभा के सदस्य हैं। पहले वह फैजाबाद से लोकसभा के सदस्य थे जिसके अंतर्गत अयोध्या आता है।

कटियार के बयान की आलोचना करते हुए कुरैशी ने कहा कि भाजपा नेता कटियार ऐसा बयान केंद्र में सरकार बनाते समय खुद के दरकिनार किए जाने के बाद अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हमलोग इस तरह के बयानों पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे पर कानून बनाना संभव नहीं है क्योंकि सरकार के पास राज्यसभा में संख्या बल नहीं है।

कुरैशी ने अदालत के बाहर इस मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत की संभावना खारिज कर दी। उन्होंने कहा, हम उनसे कैसे बातचीत कर सकते हैं जो कुछ सुनने को राजी नहीं हैं। यह पूछने पर कि यदि सरकार खुद इस मुद्दे पर बातचीत की पहल करे तो बोर्ड की क्या करेगा? उन्होंने कहा, हम अभी नहीं कह सकते कि क्या होगा। हमें इस सरकार से कोई अधिक अपेक्षा नहीं है।

पढ़ेंः विहिप की चेतावनीः राम मंदिर न बनवाने पर नतीजे भुगतने को तैयार रहे भाजपा


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