Move to Jagran APP

37 साल केस लटकाने पर कोर्ट ने सीबीआइ को फटकारा

बताया जाता है कि यह देश की किसी भी अदालत में लंबित मामले में सबसे पुराना है। इसकी सुनवाई अंतिम चरण में है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 01 Oct 2017 10:27 PM (IST)Updated: Sun, 01 Oct 2017 10:27 PM (IST)
37 साल केस लटकाने पर कोर्ट ने सीबीआइ को फटकारा
37 साल केस लटकाने पर कोर्ट ने सीबीआइ को फटकारा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली । ऐतिहासिक मंदिर से मूर्ति चोरी के 37 वर्ष पुराने मामले में सुस्त जांच व अहम समय में वरिष्ठ सरकारी वकील के तबादले पर तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआइ को फटकार लगाते हुए कहा कि मुद्दई सुस्त, गवाह चुस्त। विशेष न्यायाधीश संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि इस मामले में सीबीआइ का पहले से वकील की नियुक्ति न कर सुनवाई कर रहे सरकारी वकील को हटाने का फैसला अनुचित था। इसके चलते अहम समय में मामले की सुनवाई प्रभावित हो रही है। कोर्ट ने अभियोजन निदेशक पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

loksabha election banner

बताया जाता है कि यह देश की किसी भी अदालत में लंबित मामले में सबसे पुराना है। इसकी सुनवाई अंतिम चरण में है। पेश मामला इलाहाबाद के ऐतिहासिक तक्षकेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ा है, जहां से 1981 में प्राचीनकालीन मां दुर्गा की मूर्ति चोरी हो गई थी और तस्करों द्वारा उसे न्यूयॉर्क में बेच दिया गया था। इसके बाद सीबीआइ ने इस मामले में जांच शुरू की थी। मामले में तीस हजारी कोर्ट ने केंद्रीय गृह सचिव और सीबीआइ के निदेशक को इस संबंध में कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा कि अगर वकील किसी अहम मामले की सुनवाई कर रहा है तो ट्रांसफर-पोस्टिंग गाइडलाइंस को दरकिनार किया जाना चाहिए, जिससे कि पुराने मामलों को जल्द निपटाया जा सके। वहीं, इस मामले में अभियोजन निदेशक की ओर से कहा गया कि तबादला जनहित में किया गया था। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसमें कैसा जनहित है। इस फैसले से सही दिशा में चल रहा केस ट्रैक से उतर गया।

कोर्ट ने कहा कि यह तो समझ आता है कि कानूनी कठिनाइयों की वजह से यह मामला इतने समय तक टला, लेकिन वरिष्ठ वकील के तबादले ने परेशानियों को बढ़ाने का ही काम किया है। इस तरह के फैसलों की वजह से ही मामले इतने समय से लंबित पड़े रहते हैं जिसका परिणाम समाज को भुगतना पड़ता है। सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें 10 वर्ष से पुराने मामलों को जल्द निपटाने का निर्देश दिया गया था। वरिष्ठ सरकारी वकील बीके सिंह इस मामले को काफी समय से देख रहे थे, लेकिन हाल ही में उनका तबादला कर दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.