नवीन जिंदल सहित 14 पर आरोप तय करने के आदेश
विशेष सीबीआई अदालत ने कांग्रेस के नेता नवीन जिंदल समेत कुल 14 लोगों के खिलाफ कोल घोटाले से जुड़ेे एक मामले में आरोप तय करने के आदेश दिए हैं।
नई दिल्ली (जागरण संवाददाता)। बहुचर्चित कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष सीबीआइ अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता नवीन जिंदल सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। इनमें पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता के नाम भी शामिल हैं।
विशेष सीबीआइ जज भरत पराशर ने आरोपियों के खिलाफ आइपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) के साथ 420 (धोखाधड़ी), 409 (सरकारी कर्मचारी द्वारा आपराधिक विश्वासघात) व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(1)(सी), 13 (1)(डी) के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि औपचारिक रूप से आरोप बाद में तय किए जाएंगे। सीबीआइ ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि वर्ष 2008 में अमरकोंडा मुर्गदंगल कोल ब्लॉक को नियम-कानून ताक पर रखकर जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पोंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जेएसआइपीएल) को दिया गया था।
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मामले में जिंदल रियलटी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राजीव जैन, जीएसआइपीएल के निदेशक गिरिश कुमार सुनेजा, राधे कृष्णा सराफ, न्यू दिल्ली एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सुरेश सिंघल, सौभाग्य मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राम कृष्ण प्रसाद और चार्टर्ड अकाउंटेंट ज्ञान स्वरूप गर्ग को भी आरोपी बनाया गया है। सभी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा सभी कंपनियां भी मामले में आरोपी हैं।
मामले में आरोपी सुरेश सिंघल ने हाल ही में अदालत के समक्ष याचिका लगाकर खुद को माफी देने और सरकारी गवाह बनने की याचिका लगाई है। इस पर सीबीआइ और अन्य आरोपियों से जवाब मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी। अदालत ने कहा कि इस बाबत न्यायिक निर्णय लेने के बाद ट्रायल शुरू किया जाएगा। आरोप तय करने पर बहस के दौरान सीबीआइ की तरफ से कहा गया था कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने जिंदल ग्रुप की दो कंपनी जेएसपीएल और जीएसआइपीएल को अमरकोंडा मुर्गदंगल में कोल ब्लॉक दिलाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया। अन्य आरोपियों ने इसमें सक्रिय भूमिका निभाई। इस पर आरोपियों की तरफ से कहा गया कि सीबीआइ ने उन पर महज एक कोरा इल्जाम लगाया है। इस बाबत षड्यंत्र के संदर्भ में कोई सुबूत अदालत के समक्ष पेश नहीं किए गए हैं।
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