यहां सड़क पर लगती है 'कचहरी', बच्चे हैं कानून के रखवाले
बच्चों की एक टोली ने समाज में किसी भी तरह की प्रताड़ना का शिकार हो रहे बच्चों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है।
आनंद दुबे, भोपाल। अधिकारों के प्रति जागरूक हो चुके बच्चों की एक टोली ने समाज में किसी भी तरह की प्रताड़ना का शिकार हो रहे बच्चों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है। इसके तहत रोज चौपाल लगती है। इसमें पीड़ित बच्चे की फरियाद सुनकर उसे कानूनी मदद दी जाती है। बच्चों की हिफाजत के लिए पुलिस, राज्य बाल संरक्षण आयोग, मानव अधिकार आयोग जैसी एजेंसियां मौजूद हैं, लेकिन अज्ञानता, भय आदि के कारण अधिकांश बच्चे जुल्म सहने को मजबूर रहते हैं।
उनकी मदद करने पुराने शहर के रोशन बाग में रहने वाले जागरूक बच्चों (इनमें अधिकांश 18 वर्ष से कम की लड़कियां हैं) ने 'बाल डेस्क' शुरू की है। सामाजिक संस्था 'आरंभ" के सहयोग से शुरू हुई इस डेस्क में एक दर्जन बच्चे बैठते हैं। ये सभी चाइल्ड लाइन की मदद से बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारे में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। साथ ही बच्चों की प्रताड़ना के मामले में आरोपितों के खिलाफ थाने में कई एफआईआर भी दर्ज करवा चुके हैं।
एक घंटे तक लगती है डेस्क : आरंभ के प्रोजेक्ट अफसर अमरजीतसिंह ने बताया कि पहले चरण में डेस्क रेलवे स्टेशन के पास रोशन बाग में शुरू की गई है। इसमें पूजा कनौजिया, सिमरन, रूबी, निधि गुप्ता, शारदा अहिरवार, मुस्कान, फिजा, दिव्या, गुलफ्शा आदि प्रमुख हैं। ये सभी 10वीं,11वीं की छात्राएं हैं। दोपहर में एक घंटे डेस्क रोशन बाग में सड़क पर लगती है। इसमें बच्चों को उनके अधिकारों के बारे में बताया जाता है। बच्चों को गुड टच- बैड टच के बारे में बताया जाता है। डेस्क स्थानीय बजरिया थाना को भी सूचनाएं देती है और न्याय के लिए पुलिस, बाल संरक्षण आयोग, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड जैसी एजेंसियों से संपर्क करती है।