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अश्लील सीडी मामले में कर्नाटक के छह मंत्रियों को कोर्ट से राहत, राज्‍य के गृह मंत्री ने जताई सियासी साजिश की आशंका

कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जर्किहोली की कथित अश्लील सीडी सामने आने के बाद कोर्ट पहुंचे राज्य के छह वर्तमान मंत्रियों को राहत मिल गई है। इन मंत्रियों ने मीडिया संगठनों द्वारा उनके खिलाफ बदनाम करने वाली सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की थी...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 06 Mar 2021 10:02 PM (IST)Updated: Sun, 07 Mar 2021 02:01 AM (IST)
अश्लील सीडी मामले में कर्नाटक के छह मंत्रियों को कोर्ट से राहत, राज्‍य के गृह मंत्री ने जताई सियासी साजिश की आशंका
अश्लील सीडी मामले में कोर्ट पहुंचे राज्य के छह वर्तमान मंत्रियों को राहत मिल गई है।

बेंगलुरु, एजेंसियां। कर्नाटक के पूर्व मंत्री रमेश जर्किहोली की कथित अश्लील सीडी सामने आने के बाद कोर्ट पहुंचे राज्य के छह वर्तमान मंत्रियों को राहत मिल गई है। इन मंत्रियों ने मीडिया संगठनों द्वारा उनके खिलाफ बदनाम करने वाली या असत्यापित सामग्री के प्रकाशन या प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की थी जिस पर अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान कर दी। जर्किहोली को पहले ही इस तरह की राहत मिल चुकी है।

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छह मंत्रियों ने दाखिल की याचिका

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सरकार के जिन छह मंत्रियों ने शुक्रवार रात अदालत में याचिका दाखिल की थी उनमें श्रम मंत्री शिवराम हेब्बर, कृषि मंत्री बीसी पाटिल, सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर, स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर, युवा सशक्तीकरण एवं खेल मंत्री केसी नारायण गौड़ा और शहरी विकास मंत्री बी. बसावराज शामिल हैं। उनकी संयुक्त याचिका पर सुनवाई के बाद एडीशनल सिटी सिविल सेशन जज डीएस विजय कुमार ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

प्रकाशन पर रोक लगाना जरूरी

शनिवार को अदालत ने अपने आदेश में कहा, उनके विचार में यह जरूरी है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ किसी तरह की असत्यापित खबरों के प्रसारण या प्रकाशन पर रोक लगाना जरूरी है। लिहाजा अगली सुनवाई तक प्रतिवादियों या विरोधियों को अस्थायी रोक के अंतरिम आदेश के जरिये निषेध किया जाता है। मंत्रियों ने 68 प्रतिवादियों के खिलाफ याचिका दाखिल की थी जिनमें अधिकतर मीडिया संगठन हैं।

न्याय प्रणाली में जताया भरोसा

शुक्रवार मध्यरात्रि स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने ट्वीट कर कहा कि मंत्रियों ने इस आशंका से अदालत में याचिका दाखिल की है कि ईमानदारी से काम कर रहे कुछ मंत्रियों को बदनाम करने के लिए राजनीतिक साजिश रची जा रही है। जब तक सच सामने आएगा तब तक झूठ पूरे शहर में पांव पसार चुका होगा। उन्होंने कहा, हमने कई साल तक कठिन परिश्रम के बाद अपने चरित्र निर्माण के जरिये प्रतिष्ठा, ख्याति और समाज में मुकाम हासिल किया है। लेकिन कोई इस पर कुछ ही पलों में धब्बा लगाना चाहता है इसीलिए हमने अदालत की शरण ली है।

हमारा अंत:करण साफ

सुधाकर ने कहा कि जब लोग उन लोगों को पसंद करते हैं जो ईमानदारी से उनकी सेवा करना चाहते हैं तो उन्हें कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। हमें इसका सामना करना ही होगा और हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। हमारा अंत:करण साफ है और जब तक लोगों का आशीर्वाद हम पर है, कोई भी साजिश हमारे खिलाफ सफल नहीं हो सकती। हमें न्यायिक प्रणाली में पूरा विश्वास है।

कांग्रेस-जदएस से भाजपा में हुए हैं शामिल

अदालत में याचिका दाखिल करने वाले ये मंत्री उन 17 विधायकों में से हैं जिन्होंने तत्कालीन कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार से विद्रोह किया था जिसके फलस्वरूप जुलाई, 2019 में गठबंधन सरकार गिर गई थी। अपनी पार्टियों में अयोग्य होने के बाद ये भाजपा में शामिल हो गए थे और दिसंबर, 2019 में उपचुनाव लड़कर विधायक बने थे। बाद में उन्हें येदियुरप्पा सरकार में मंत्री भी बनाया गया। जर्किहोली भी इन्हीं विधायकों में शामिल थे।

10 और मंत्री जाएंगे अदालत

राज्य के सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने कहा कि भाजपा में शामिल होने वाले बाकी 10 मंत्री भी अदालत में इसी तरह की याचिका दाखिल करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें एक-दो दिन में पता चल जाएगा कि इसके पीछे कौन है, तब हम प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और अदालत जाने का कारण बताएंगे।

सामाजिक कार्यकर्ता ने जारी की थी सीडी

बेंगलुरु निवासी सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश कल्लाहल्ली ने मंगलवार को एक सीडी जारी की थी जिसमें रमेश जर्किहोली सरकारी नौकरी का झांसा देकर एक महिला के साथ संबंध बनाते दिख रहे हैं। यह सीडी सामने आने के बाद जर्किहोली को बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

गृह मंत्री ने जताई राजनीतिक साजिश की आशंका

कर्नाटक के गृह मंत्री बसावराज बोम्मई ने शनिवार को संदेह जताया कि इस प्रकरण में ब्लैकमेल का सहारा लेकर संभवत: कुछ ताकतें राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। पत्रकारों से बातचीत में बोम्मई ने कहा कि उनके पास संदेह का कारण है क्योंकि पांच दिन बाद भी न तो पीडि़ता सामने आई है और न ही शिकायतकर्ता ने उसके अलावा कुछ और उजागर किया है जो पहले से सार्वजनिक है। उन्होंने कहा, 'पीडि़ता या शिकायतकर्ता द्वारा इतने लंबे विलंब का सिर्फ एक ही मतलब हो सकता है, बड़ी राजनीतिक साजिश।' गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस जर्किहोली के मामले की हनीट्रैप सहित सभी संभावित एंगिल से जांच कर रही है।


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