Move to Jagran APP

प्रेस की स्वतंत्रता को परिभाषित करने के लिए केंद्र को निर्देश दे अदालत, सुप्रीम कोर्ट में अपील

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह इसे रोकने के लिए सरकार को जरूरी निर्देश जारी करे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 09:23 AM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 09:23 AM (IST)
प्रेस की स्वतंत्रता को परिभाषित करने के लिए केंद्र को निर्देश दे अदालत, सुप्रीम कोर्ट में अपील
प्रेस की स्वतंत्रता को परिभाषित करने के लिए केंद्र को निर्देश दे अदालत, सुप्रीम कोर्ट में अपील

नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रेस की स्वतंत्रता को परिभाषित करने के लिए केंद्र को निर्देश देने की गुहार लगाई गई है। एक वकील की तरफ से इस संबंध में दायर याचिका में कहा गया है कि प्रेस की आजादी के नाम पर इलेक्ट्रॉनिक चैनलों द्वारा व्यक्तियों, समुदायों, धर्म गुरुओं, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों की गरिमा को तार-तार किया जा रहा है। वकील रीपक कंसल ने अपनी याचिका में कहा है कि कई चैनलों द्वारा प्रेस की आजादी के नाम पर संतों, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के खिलाफ खबरें दिखाई जा रही हैं। चैनलों द्वारा मीडिया ट्रायल, समानांतर ट्रायल और न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप किया जा रहा है।

loksabha election banner

अदालत से अनुरोध किया गया है कि वह इसे रोकने के लिए सरकार को जरूरी निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष अदालत को प्रसारित होने वाली खबरों पर नजर रखने के लिए भारतीय प्रसारण नियामक प्राधिकरण (बीआरएआइ) नामक स्वतंत्र संस्था गठित करने के लिए सरकार को निर्देश देना चाहिए। 

पूर्व बिशप की याचिका पर पांच को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट नन दुष्कर्म मामले में तत्कालीन बिशप फ्रैंको मुलक्कल की आरोप मुक्त किए जाने संबंधी (डिस्चार्ज) याचिका पर पांच अगस्त को विचार करेगा। मुलक्कल ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल करते हुए खुद को निर्दोष बताया है। याचिका में कहा गया है कि नन ने वित्तीय अनियमितता के संबंध में पूछे जाने के बाद दुष्कर्म का आरोप लगाया है। 

शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। मुलक्कल ने सात जुलाई को केरल हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को चुनौती दी है। हाई कोर्ट ने मुलक्कल को यौन ¨हसा के आरोपों से मुक्त करने से इन्कार करते हुए उन्हें मुकदमे का सामना करने का निर्देश दिया था। बता दें कि जून 2018 में पंजाब के मिशनरीज ऑफ जीसस कांग्रेगैशन की एक सदस्य ने कोट्टायम में मुलक्कल के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। उसने आरोप लगाया था कि जालंधर के तत्कालीन बिशप मुलक्कल ने उसके साथ वर्ष 2014-16 के दौरान कई बार दुष्कर्म किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.