शादी के 47 साल बाद एक दूसरे पर से उठा विश्वास, तलाक की अर्जी
62 वर्षीय बुजुर्ग को लगा कि उनकी पत्नी उन पर विश्वास नहीं करती है। बात-बात पर झगड़ा होता है और अब विचार भी मेल नहीं खाते हैं
बीना, (नईदुनिया)। प्रतिनिधि विवाह के 47 वर्ष बाद 62 वर्षीय बुजुर्ग को लगा कि उनकी पत्नी उन पर विश्वास नहीं करती है। बात-बात पर झगड़ा होता है और अब विचार भी मेल नहीं खाते हैं, इसलिए तलाक ले लिया जाए। मामला मप्र के सागर जिले के बीना का है। तलाक का आवेदन इसी साल 25 जनवरी को दिया गया था। सोमवार को पहली पेशी थी और इसी दौरान 'उम्रदराज तलाक' के इस मामले का खुलासा हुआ। न्यायाधीश के नहीं होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी।
बुजुर्ग मोहनलाल रजक का विवाह 14 मई 1971 को सुधा रजक से हुआ था। उनकी तीन संतान हैं। मोहनलाल रेलवे में गार्ड थे। जुलाई 2015 में सेवानिवृत्ति होने के बाद उनका स्वभाव परिवार के प्रति बदलने लगा। आए दिन झगड़ें होने लगे तो वे घर छोड़ मंडीबामोरा रहने लगे। उन्होंने अपना निवास गंजबासौदा बना लिया। जनवरी में मोहनलाल ने अधिवक्ता अल्ताफउद्दीन अब्बासी के द्वारा प्रथम श्रेणी न्यायाधीश प्रमोद कुमार के समक्ष तलाक के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें लिखा कि विवाह के इतने लंबे समय बाद पति-पत्नी के विचारों में मेल नहीं हो रहा है। आपसी मतभेदों के कारण एक साथ रहना संभव नहीं। इसलिए विधि अनुसार संबंध विच्छेद यानि तलाक कर दिया जाए।
इस उम्र में तलाक, वकील साहब क्या मजाक है
मोहनलाल के आवेदन पर एडीजे प्रमोद कुमार ने अधिवक्ता से कहा कि इस उम्र में तलाक! वकील साहब क्या मजाक है। मोहनलाल के अधिवक्ता का कहना है कि यह व्यक्तिगत मामला है। वहीं सुधा रजक के अधिवक्ता धीरज लोधी के अनुसार नोटिस मिलने पर सोमवार को हमारे पक्षकार न्यायालय पहुंचे, लेकिन न्यायाधीश के नहीं होने के कारण पेशी ब़़ढा दी गई है।