Move to Jagran APP

भारत में सैन्य तख्तापलट संभव नहीं

नई दिल्ली। गत वर्ष केंद्र सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रचने के आरोपों से घिरे पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के मुताबिक भारत में सैन्य तख्तापलट संभव नहीं है। पूर्व जनरल को इसके साथ उम्र विवाद पर भी सरकार से टकराव झेलना पड़ा था। जनवरी, 2012 में हिसार और आगरा की सैन्य इकाइयों के दिल्ली कूच करने की खबर के लगभग दो वर्ष ब

By Edited By: Published: Wed, 13 Nov 2013 08:18 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2013 08:18 PM (IST)
भारत में सैन्य तख्तापलट संभव नहीं

नई दिल्ली। गत वर्ष केंद्र सरकार को अपदस्थ करने की साजिश रचने के आरोपों से घिरे पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह के मुताबिक भारत में सैन्य तख्तापलट संभव नहीं है। पूर्व जनरल को इसके साथ उम्र विवाद पर भी सरकार से टकराव झेलना पड़ा था। जनवरी, 2012 में हिसार और आगरा की सैन्य इकाइयों के दिल्ली कूच करने की खबर के लगभग दो वर्ष बाद पूर्व सेनाध्यक्ष ने पहली बार ऐसी किसी संभावना को खारिज किया है।

loksabha election banner

पढ़ें : मंत्रियों को धन देने के बयान से पलट गए पूर्व सेनाध्यक्ष

तख्तापलट के आरोपों को बकवास बताते हुए जनरल वीके सिंह ने कहा कि इस तरह की रिपोर्ट से उनकी विश्वसनीयता और सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। उनके मुताबिक एक व्यक्ति की छवि को धूमिल करने के लिए एक संस्था को बर्बाद करने का प्रयास किया गया।

सेवानिवृत्त होने से कुछ दिन पहले जनरल वीके सिंह पर 15 जनवरी, 2012 की देर रात को हिसार और आगरा की सैन्य यूनिटों को तैयार कर दिल्ली कूच करने का निर्देश देने का आरोप लगाया गया था। सरकारी महकमों में इसे सैन्य तख्तापलट की साजिश के तौर पर भी देखा गया। इसके अगले ही दिन 16 जनवरी को जन्मतिथि के विवाद पर वीके सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जनरल सिंह 31 मई, 2012 को सेवानिवृत्त हुए थे।

वीके सिंह के मुताबिक तख्तापलट की कहानी चंडीगढ़ थिंक टैंक द्वारा गढ़ी गई, जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय का एक वरिष्ठ अधिकारी और दो वरिष्ठ पत्रकार शामिल हैं। सिंह के अनुसार, पत्रकारों को उकसाया [तख्तापलट पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए] गया। पूर्व सेनाध्यक्ष ने इस खबर को तमाशा बताते हुए कहा कि रिपोर्ट लिखने वाले ने पूर्ण रूप से अपनी विश्वसनीयता गंवा दी। इसके अलावा 5 मार्च, 2012 की उस रिपोर्ट को भी उन्होंने खारिज किया जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान गठित खुफिया इकाई [टेक्निकल सपोर्ट डिवीजन] पर रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के फोन टेप करने का आरोप लगाया गया। वीके सिंह ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय को जब भी कोई दस्तावेज भेजा गया, वह सार्वजनिक हो गया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.