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समय की पाबंदी में फिसड्डी है देश का सबसे व्यस्त हवाई रूट

इस पर समय की पाबंदी में स्पाइसजेट पहले, इंडिगो चौथे नंबर पर है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Fri, 16 Feb 2018 07:30 PM (IST)Updated: Fri, 16 Feb 2018 07:30 PM (IST)
समय की पाबंदी में फिसड्डी है देश का सबसे व्यस्त हवाई रूट
समय की पाबंदी में फिसड्डी है देश का सबसे व्यस्त हवाई रूट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सालाना 47,462 उड़ानों के साथ भले ही मुंबई-दिल्ली रूट भारत का पहला और विश्व का तीसरा सर्वाधिक व्यस्त हवाई रूट बन गया हो। लेकिन समय की पाबंदी के मामले में इसका प्रदर्शन विश्व के अन्य व्यस्त रूटों के मुकाबले काफी खराब है। इस रूट की केवल 59.14 फीसद उड़ाने ही समय पर टेक-आफ और लैंडिंग करती हैं। बाकी उड़ानों में कमोबेश देरी होती है। विमानन नियमों के अनुसार उन्हीं उड़ानों को समय की पाबंद अर्थात ऑनटाइम माना जाता है जिनका टेकऑफ और लैंडिंग निर्धारित समय से 15 मिनट के भीतर होता हो।

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ओएजी एविएशन व‌र्ल्डवाइड की रिपोर्ट के मुताबिक जापान का हनेदा-ओसाका रूट समय की पाबंदी के मामले में विश्व में सबसे अव्वल है। इसकी 90.40 फीसद उड़ाने समय पर टेक-आफ और लैंडिंग करती हैं। जबकि व्यस्तता के लिहाज से यह 17वें स्थान पर है। दूसरी ओर 11वें नंबर पर सर्वाधिक व्यस्त (सालाना 29,427 उड़ाने) डोमेस्टिक रूट का दर्जा प्राप्त बंगलूर-दिल्ली एयर रूट की केवल 65.93 फीसद उड़ाने ही समय पर होती हैं। यही नहीं, विश्व में 16वें नंबर के सबसे व्यस्त (23,857 वार्षिक उड़ाने) माने गए बंगलूर-मुंबई एयर रूट की स्थिति इससे भी ज्यादा खराब है। इसकी केवल 56.72 फीसद उड़ाने ही समय पर होती हैं।

एयरलाइनों में मुंबई-दिल्ली रूट पर स्पाइसजेट का ऑनटाइम प्रदर्शन सबसे अच्छा पाया गया है। इसकी 72.3 फीसद उड़ाने 15 मिनट के भीतर होती हैं। इस मामले में गो एयर को दूसरा (54.8 फीसद) और जेट एयरवेज को तीसरा (48.4 फीसद) स्थान मिला है। समयबद्ध प्रदर्शन का आकलन करते वक्त कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है। जो एयरलाइनें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनो तरह की उड़ानों का संचालन करती हैं, उनकी ऑनटाइम परफारमेंस आम तौर पर कमतर रहती है। जबकि केवल घरेलू उड़ानें करने वाली एयरलाइनों का प्रदर्शन अक्सर बेहतर रहता है। ऑनटाइम प्रदर्शन के लिहाज से मुंबई-दिल्ली रूट पर इंडिगो को चौथे नंबर पर रखा गया है।

मुंबई-दिल्ली रूट को विश्व के तीसरे व्यस्ततम डोमेस्टिक रूट का दर्जा यूं ही नहीं मिला है। इसमें इनके हवाई अड्डों का अहम योगदान है, जिन्हें भारत ही नहीं विश्व के सर्वोत्तम हवाई अड्डों में शुमार किया जाता है। इसके अलावा मुंबई को देश की व्यापारिक और दिल्ली के राजनीतिक राजधानी होने का लाभ भी मिला है। यह स्थिति अनेक लोगों को इन दोनो मेट्रो शहरों के बीच नियमित विमान यात्रा के लिए प्रेरित करती है। मुंबई एयरपोर्ट से सालाना साढ़े चार करोड़ यात्रियों का आवागमन होता है। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट हर साल साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा यात्रियों को हैंडल करता है।

जहां तक सीटों यानी यात्रियों की संख्या का सवाल है, तो मुंबई-दिल्ली के बजाय दिल्ली-मुंबई रूट सबसे व्यस्त डोमेस्टिक रूट है। इस पर हर साल 86.18 लाख यात्री सफर करते है। दूसरा नंबर दिल्ली-बंगलूर (48.23 लाख) और तीसरा मुंबई-बंगलूर (39.27 लाख) का है। इनके अलावा दिल्ली-कोलकाता (36.87 लाख) तथा दिल्ली-हैदराबाद (30.71 लाख) चौथे व पांचवें स्थान पर हैं। कुल 25.18 लाख सीटों के साथ दिल्ली-लखनऊ रूट अभी 12वें स्थान पर है और जल्द ही पहले दस रूटों में शामिल हो सकता है।


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