पेट्रोगेट प्रकरण: पाक-चीन को लीक हो रहे थे अहम दस्तावेज!
पेट्रोलियम मंत्रालय में हुए जासूसी कांड के तार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, चीन तक जुड़ते नजर आ रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जासूसी के आरोपी प्रयास जैन की वेबसाइट में कई विदेशी ग्राहकों के लिंक मिले हैं। सूत्रों का
नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय में हुए जासूसी कांड के तार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, चीन तक जुड़ते नजर आ रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को जासूसी के आरोपी प्रयास जैन की वेबसाइट में कई विदेशी ग्राहकों के लिंक मिले हैं। सूत्रों का दावा है कि आरोपी ने लाखों रुपये लेकर अहम दस्तावेज अपने विदेशी ग्राहकों को बेचने की बात कबूली है। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में जुटी है।
250 विदेशी ग्राहकों से डीलिंग
रिपोर्ट के अनुसार प्रयास जैन ने पुलिस को बताया है कि अलग-अलग कंपनियों के उसके लगभग 250 विदेशी ग्राहक थे जिन्हें वह जरूरत के हिसाब से दस्तावेज उपलब्ध कराता था। ये ग्राहक पेट्रो के अलावा ऊर्जा, गैस, कोयला, तेल आदि क्षेत्रों की कंपनियों से जुड़े हैं। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में खुलासा किया है कि विदेशी ग्राहकों को जो बातें जाननी होती थीं या जो दस्तावेज चाहिए होते थे, प्रयास उन्हें हासिल करने के लिए मंत्रालय में तैनात जासूसी रैकेट के कर्मियों के जरिए हासिल करता था। एक दस्तावेज के बदले विदेशी ग्राहक से अमूमन एक लाख रुपये मिलते थे। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह देखना होगा कि कहीं कैबिनेट या बजट से जुड़े कोई दस्तावेज तो चीन, पाक को नहीं भेजे गए हैं। इसके लिए अलग-अलग मंत्रालयों से संपर्क किया जा रहा है।
मंत्रालय में बनाई पैठ
दिल्ली के बाल भारती पब्लिक स्कूल में पढ़ाई पूरी होने के बाद प्रयास जैन ने ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, अकाउंटिंग, बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्रियां लीं। इसके बाद उसने कंसल्टेंसी कंपनी की शुरुआत की। मंत्रालय में अफसरों से संबंध बढ़ाए और कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ा। पुलिस का कहना है कि 30 साल के आरोपी जैन के पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मिनिस्ट्री में अधिकारियों से अच्छे ताल्लुकात थे।
अधिकारियों के विदेश दौरे पर नजर
रिपोर्ट ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इंटेलीजेंस ब्यूरो कई मंत्रालयों में टॉप लेवल पर बैठे अधिकारियों के दो साल के भीतर हुए विदेशी दौरों का रिकॉर्ड देख रही है। यह देखा जाएगा कि जासूसी कांड से जुड़ा कहीं कोई अहम सुराग तो इनमें नहीं छिपा है।
उलझता जा रहा जासूसी कांड
पेट्रोलियम मंत्रालय में दस्तावेज चुराने का खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पिछले हफ्ते बृहस्पतिवार को दो कनिष्ठ अधिकारियों और तीन अन्य बिचौलियों को गिरफ्तार किया जो ऊर्जा कंपनियों को कथित तौर पर सरकार के गोपनीय दस्तावेज लीक करते थे। उनसे पूछताछ शुरू होने के बाद दो ऊर्जा सलाहकार शांतनु सैकिया, प्रयास जैन के अलावा पांच बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें आरआइएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार ग्रुप के विनय कुमार, केयन्र्स के केके नायक, जुबिलिएंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा, एडीएजी रिलायंस के ऋषि आनंद को गिरफ्तार किया था। हाल ही में एक और 'लोकेश ग्रुप' पकड़ में आया। लोकेश पेट्रोलियम मंत्रालय में पहले चपरासी के पद पर तैनात था जो बाद में नोएडा की एक कंसल्टेंसी कंपनी के लिए काम करने लगा था। मामले में तफ्तीश जारी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पेट्रोगेट कांड में कुछ और बड़े नाम सामने आ सकते हैं।
[साभार: आइ नेक्स्ट]
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