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कोरेाना का भारत में कब होगा अंत, विशेषज्ञों ने आकलन कर बताया, तब तक करना होगा इंतजार

स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों ने एक गणितीय मॉडल के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि सितंबर के मध्य तक देश से महामारी का कहर कम हो जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 06 Jun 2020 11:24 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jun 2020 07:16 AM (IST)
कोरेाना का भारत में कब होगा अंत, विशेषज्ञों ने आकलन कर बताया, तब तक करना होगा इंतजार
कोरेाना का भारत में कब होगा अंत, विशेषज्ञों ने आकलन कर बताया, तब तक करना होगा इंतजार

नई दिल्ली, एजेंसी। कोविड-19 महामारी के बढ़ते खतरे के बीच दो स्वास्थ्य विशेषज्ञों का दावा है कि सितंबर के मध्य तक देश से महामारी का कहर कम हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों ने एक गणितीय मॉडल के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। विश्लेषण में बताया गया है कि जब ठीक हो चुके और जान गंवाने वाले मरीजों की कुल संख्या सक्रिय मरीजों की संख्या के बराबर पहुंच जाएगी, वह इसका चरम होगा। इसके बाद इसमें गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा। ऐसा होने में अभी तीन महीने से ज्यादा समय लगेगा।

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गणितीय मॉडल के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय के दो विशेषज्ञों का आकलन

विज्ञान पत्रिका एपिडेमियोलॉजी इंटरनेशनल में प्रकाशित इस विश्लेषण को स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर जनरल (पब्लिक हेल्थ) डॉ. अनिल कुमार और डिप्टी असिस्टेंट डायरेक्टर (कुष्ठ रोग) रूपाली रॉय ने अंजाम दिया है। दोनों विशेषज्ञों ने बीमारी का अनुमान लगाने के लिए बैले गणितीय मॉडल का इस्तेमाल किया।

गणितीय मॉडल के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला 

किसी भी संक्रामक बीमारी के मामले में इस मॉडल के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है। इस मॉडल में कुल संक्रमितों एवं ठीक हो चुके सभी मरीजों के आधार पर निष्कर्ष निकाला जाता है। यह मॉडल इस आधार पर काम करता है कि जब तक कोई व्यक्ति संक्रमित है, तब तक वह नए लोगों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में एक बार जब ठीक हो चुके और जान गंवा चुके लोगों की संख्या कुल संक्रमितों की संख्या के बराबर हो जाएगी, तब संक्रमण फैलने का क्रम खत्म हो जाएगा। भारत में अभी ठीक हो चुके और जान गंवा चुके लोगों की संख्या कुल संक्रमितों के लगभग आधे के बराबर है।

संक्रमण के प्रसार में आबादी और वातावरण की अहम भूमिका 

विश्लेषण में कहा गया है कि भारत में महामारी की वास्तविक शुरुआत दो मार्च को हुई और तब से रोज नए मामले बढ़ रहे हैं। इस मॉडल के आधार पर बताया गया है कि सितंबर मध्य तक ठीक हो चुके व जान गंवा चुके लोगों की संख्या कुल संक्रमितों की संख्या के बराबर हो जाएगी। यही वह बिंदु होगा, जब महामारी खत्म हो जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण के प्रसार में आबादी और वातावरण की भूमिका अहम है। सरकार को इन्हें ध्यान में रखते हुए फैसले लेने होंगे।

'दिल्ली कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में'

इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषषद (आइसीएमआर) के पूर्व महानिदेशक एनके गांगुली ने शनिवार को कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण तीसरे अथवा कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच चुका है।

गांगुली ने कहा, 'इस भ्रम से बाहर निकलिए कि दिल्ली में हालात ठीक हैं। रोजाना ढेर सारे मामले सामने आने से यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली कम्युनिटी ट्रांसमिशन या तीसरे चरण में पहुंच चुकी है बल्कि कोविड--19 के बड़ी संख्या में केस वाले कई शहर (दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद) कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में हैं। नहीं तो हर रोज कोई सैकड़ों नए मामलों को कैसे तर्कसंगत ठहरा सकता है।'


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