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उच्च व उच्च मध्यम वर्ग में सबसे ज्‍यादा, मेहनतकशों में दो फीसद से कम फैला कोरोना, सैंपल सर्वे में खुलासा

अध्ययन में सर्वाधिक चौंकाने वाले आंकड़े खानपान से संबंधित रहे। शुद्ध सात्विक और शाकाहारी भोजन करने वालों को कोरोना ने आसानी से अपनी चपेट में लिया। ऐसे 66.7 फीसद कोरोना संक्रमित हुए जबकि 33.3 फीसद मांसाहारी लोगों को संक्रमण हुआ।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 10:33 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:14 PM (IST)
उच्च व उच्च मध्यम वर्ग में सबसे ज्‍यादा, मेहनतकशों में दो फीसद से कम फैला कोरोना, सैंपल सर्वे में खुलासा
सामाजिक, आर्थिक, उम्र, शिक्षा, आदतों समेत एक दर्जन से अधिक बिंदुओं के आधार पर अध्ययन

 अजय उपाध्याय, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज के पीएसएम (प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन) विभाग ने समाज पर कोरोना के प्रभाव को लेकर सैंपल सर्वे किया है। सामाजिक, आर्थिक, उम्र, शिक्षा, आदतों समेत एक दर्जन से अधिक बिंदुओं के आधार पर अध्ययन किया गया है जिसमें कई रोचक और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। अध्ययन के मुताबिक उच्च और उच्च मध्यम वर्ग में कोरोना संक्रमण 50 फीसद तक पहुंचा जबकि गरीब और मेहनतकश वर्ग में कोरोना का असर महज 1.7 फीसद रहा। 18 से 40 उम्र के लोगों में संक्रमण की दर 48 फीसद रही। महिलाओं की अपेक्षा अधिक करीब 71 फीसद पुरष संक्रमण की चपेट में आए।

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गजराराजा मेडिकल कॉलेज ने कोरोना मरीजों पर किया अध्ययन

सर्वे के परिणाम के मुताबिक, संयुक्त परिवार से अधिक एकल परिवार में रहने वाले (63 फीसद) संक्रमित पाए गए। मांसाहारी से अधिक संक्रमित शाकाहारी लोग हुए। शराब पीने वाले 93.7 फीसद कोरोना से बचे रहे वहीं शराब न पीने वाले 6.3 फीसद लोग ही संक्रमण की चपेट में आए। पीएसएम विभागाध्यक्ष डॉ.अशोक मिश्रा का कहना है कि लगभग दो सौ लोगों पर किए गए सर्वे में दो महीने से अधिक का वक्त लगा और एक दर्जन से अधिक डॉक्टरों ने इस पर काम किया है। सर्वे में हर पहलू को छुआ गया है। जिसमें ब्लड ग्रुप से लेकर उनकी पढ़ाई और कार्य की जानकारी भी शामिल की गई है। गौरतलब है कि ग्वालियर में सोलह हजार लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं।

मार्च माह की 24 तारीख को ग्वालियर में कोरोना का पहला मरीज सामने आया था। सितंबर की 14 तारीख को सर्वाधिक 267 मरीज दर्ज किए गए थे। नवंबर के बाद इसका ग्राफ लगातार गिरता गया। 10 महीने बाद 22 जनवरी को शहर में सिर्फ चार लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। अब तक कोरोना ने 302 लोगों की जान ली है। नवंबर 2020 में डॉक्टरों की एक टीम ने कोरोना मरीजों पर किए गए सर्वे के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। विश्लेषण में यह तथ्य सामने आया कि उच्च और उच्च मध्यम वर्ग में कोरोना संक्रमण अधिक फैलने का कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी रही है जबकि गरीब और मेहनतकशों में महामारी से लड़ने की क्षमता अधिक पाई गई।

खानपान के आंकड़े चौंकाने वाले

अध्ययन में सर्वाधिक चौंकाने वाले आंकड़े खानपान से संबंधित रहे। शुद्ध, सात्विक और शाकाहारी भोजन करने वालों को कोरोना ने आसानी से अपनी चपेट में लिया। ऐसे 66.7 फीसद कोरोना संक्रमित हुए, जबकि 33.3 फीसद मांसाहारी लोगों को संक्रमण हुआ। शराब, सिगरेट, बीड़ी और तंबाकू का सेवन करने वाले लोग भी कोरोना से लड़ने में ज्यादा सक्षम दिखे।

गजराराजा मेडिकल कॉलेज के पीएसएम विभागाध्यक्ष व आइएपीएसएम के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अशोक मिश्रा ने कहा कि पीएसएम विभाग के पीजी डॉक्टरों द्वारा संक्रमित पाए गए दो सौ लोगों पर अध्ययन किया गया है। जिसमें कई तथ्य उजागर हुए हैं। आगे इसका उपयोग किसी बड़े शोध में किया जा सकता है, जो महामारी को नियंत्रित करने के काम आएगी।


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