पक्ष में फैसला न आया तो न्यायाधीश से अदालत में बोला वकील- 'आप कोरोना से संक्रमित हो जाएं'
Be Infected With Virus दुनिया के कई देशों में फैल चुका कोरोनावायरस लोगों के दिल पर इस कदर हावी हो चुका है अब तो किसी पर नाराजगी जतानी हो तो भी कोरोना वायरस ही निकलता है।
कोलकाता, एजेंसी। दुनिया के कई देशों में फैल चुका कोरोना वायरस लोगों के दिल पर इस कदर हावी हो चुका है, अब तो किसी पर नाराजगी जतानी हो तो भी मुंह से कोरोना वायरस ही निकलता है। कुछ ऐसा ही कलकत्ता उच्च न्यायलय में हुआ। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही सुनवाई में पक्ष में फैसला न आया तो वकील ने न्यायाधीश से ही कह दिया कि जा तुझे कोरोना वायरस हो जाए।
न्यायाधीश इस बात पर इतने खफा हुए कि उन्होंने वकील को अदालत की गरिमा को बनाए रखने में असफल रहने और महान पेशे के सदस्य के रूप में काम नहीं करने का दोषी ठहराया और उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की अनुशंसा कर दी। वकील को नोटिस भेजे जाने की तारीख के 15 दिनों के अंदर अवमानना नियम के तहत जवाब देने को कहा है। न्यायमूर्ति ने यह निर्देश भी दिया कि ग्रीष्म अवकाश के बाद जब अदालत खुलेगी तो यह मामला उचित खंडपीठ द्वारा सुना जाएगा जिसके पास आपराधिक अवमानना के मामले सुनने का अधिकार होगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के मकसद से लागू लॉकडाउन के चलते कलकत्ता उच्च न्यायालय में 15 मार्च से सिर्फ अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई हो रही थी। 25 मार्च से मामलों की सुनवाई सिर्फ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की जा रही है। कर्ज अदायगी न करने पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक द्वारा उसके मुवक्किल की बस नीलामी पर रोक लगाने की याचिका उक्त अदालत में दी थी। जब अदालत के संज्ञान में आया कि बस को 15 जनवरी को जब्त किया गया था तो अदालत ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। जब न्यायाधीश ने आदेश देना शुरू किया तो नाराज अधिकारी बार-बार उन्हें टोकते रहे।
न्यायमूर्ति ने अपने आदेश में कहा, “अधिकारी को बार-बार संयमित आचरण के लिये चेतावनी दी गई लेकिन उन्होंने इन पर ध्यान नहीं दिया, उन्हें कहते सुना गया कि मुझे कोरोना वायरस संक्रमण लग जाए। न्यायाधीश ने कहा, “अधिकारी को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि मैं संक्रमण से नहीं डरता, लेकिन अदालत की गरिमा मेरे दिमाग में सर्वोच्च है और इसे बरकरार रखने के लिये उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई का निर्देश दिया जा सकता है।”इसके बावजूद अधिकारी न्यायाधीश को उसके खिलाफ अवमानना कार्रवाई की सिफारिश करने के लिए उकसाया।