कोरोना के चलते आइटी हब में वीरानी, इंफोसिस समेत सभी बड़ी कंपनियों के कर्मचारी कर रहे घर से काम
कोरोना वायरस की दहशत ने भारत में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शहर बेंगलुरु को काफी प्रभावित किया है। यहां दुनिया की प्रमुख कंपनियों दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। जानें ताजा हालात.
बेंगलुरु, आइएएनएस। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु... सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की दुनिया की प्रमुख कंपनियों का शहर, जिसकी सड़कें, बाजार और गगनचुंबी इमारतों में बने अत्याधुनिक दफ्तर हर वक्त युवा और ऊर्जावान कर्मचारियों के चलते गुलजार रहते थे, कोरोना वायरस की दहशत ने उन्हें वीरान बना दिया है। दफ्तरों में सन्नाटा पसरा है। दूसरों को बेहतर सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की हिफाजत और सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। कोरोना के प्रसार को रोकने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए कर्मचारियों से घरों से काम करने को कहा गया है। आइटी कंपनियों में सिर्फ वो ही कर्मचारी दफ्तर आ रहे हैं, जिनका आना अत्यावश्यक है।
कोरोना वायरस ने इस शहर को भूतहा शहर के रूप में बदल दिया है। इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलील पारेख ने ई-मेल के जरिए भेजे जवाब में कहा, 'हमने अपने कर्मचारियों को ग्राहकों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए घर से ही काम करने की सलाह दी है। हम दुनिया में अपने दफ्तरों में स्थानीय प्रशासन के साथ उनकी सलाह के मुताबिक काम करेंगे।' लगभग 77 हजार करोड़ रुपये की आइटी कंपनी इंफोसिस का बेंगलुरु के इलेक्ट्रॉनिक सिटी में 81 एकड़ में फैला शानदार दफ्तर परिसर है। हरियाली से भरपूर परिसर में खड़ी दर्जन भर ऊंची-ऊंची इमारतों में जहां हजारों कर्मचारियों के चलते हर समय चहल-पहल रहती थी, वहां अब वीरानी छाई हुई है। सामान्य दिनों में यहां हफ्ते में पांच दिन काम होता था।
कंपनी के एक अन्य कर्मचारी ने माना कि आंशिक लॉकडाउन ने हमारे इंजीनियरों को घरों से काम करने के लिए मजबूर कर दिया है। इससे दफ्तर खाली पड़ गए हैं, लॉबी, कॉरिडोर और परिसर में कोई नजर नहीं आता। आइटी क्षेत्र की ही बड़ी कंपनी विप्रो को भी अपने कर्मचारियों से घरों से काम लेने को मजबूर होना पड़ा है। विप्रो के प्रवक्ता ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए जिन कर्मचारियों से संभव है उनसे घर से ही काम लिया जा रहा है। इसके चलते महानगर के दक्षिणपूर्वी इलाके में स्थित कंपनी के दफ्तर में सोमवार से ही सन्नाटा पसर गया है। कंपनी के लगभग 25 हजार कर्मचारियों में से ज्यादातर अपने घर से ही काम कर रहे हैं।
कुछ इसी तरह का हाल बाहरी रिंग रोड पर स्थित आरएमजेड इकोवर्ड का है। यहां कई बड़ी आइटी और अन्य कंपनियों के दफ्तर हैं। लेकिन रौनक गायब है। कोरोना से पहले यह इकोवर्ड हजारों कर्मचारियों के चलते हर समय गुलजार रहता था। वायरस ने सभी को घरों में रहने को मजबूर कर दिया है। कर्मचारियों की सुरक्षा और कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पूरे इकोवर्ड को लगभग बंद कर दिया गया है। कर्मचारी अपने घरों से ही काम कर रहे हैं। सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है, जिनका आना बहुत आवश्यक है।
शेल इंडिया मार्केट, ऑडिट फर्म प्राइसवाटर हाउस कूपर्स, अर्नस्ट एवं यंग जैसी तमाम कंपनियों के दफ्तर इकोवर्ड में है। प्राय: हर कंपनी के दफ्तर सुने पड़े हैं। इसका असर इलाके में मौजूद रेस्तरां और खान-पान की अन्य दुकानों पर भी पड़ा है और वहां भी पहले जैसा नजारा नहीं देखने को मिल रहा है। अर्नस्ट एवं यंग के कर्मचारी एम. किरन कुमार कहते हैं कि इलाके के पब, रेस्तरां में जहां आधी रात तक चहल-पहल रहती थी वहां अब बहुत कम लोग देखने को मिल रहे हैं। यहां की रात्रिकालीन जीवनशैली पूरी तरह बदल गई है।