Coronavirus: सुप्रीम कोर्ट ने टैक्स वसूली रोकने के केरल-इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद केरल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें हाईकोर्ट ने बैंक, वित्तीय संस्थानों, आयकर विभाग और जीएसटी आदि अथारिटीज से कोरोना वायरस के चलते वसूली प्रक्रिया और दंडात्मक कार्यवाही 6 अप्रैल तक रोकने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की सुनवाई पर भी अंतरिम रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रोक के आदेश में केंद्र सरकार का बयान भी दर्ज किया है जिसमें केन्द्र की ओर कहा गया था कि सरकार हालात को लेकर सजग है और उचित तंत्र बनाया जाएगा ताकि लोगों को परेशानी न हो।
तुषार मेहता ने कहा- केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए
ये आदेश न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद दिये। इससे पहले केंद्र की याचिका पर बहस करते हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस तरह ब्लैंककेट आर्डर नहीं किया जा सकता। केरल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।
करों की वसूली पर रोक से सरकार के हित प्रभावित होंगे
मेहता ने कहा कि करों की वसूली पर रोक से सरकार के हित प्रभावित होंगे क्योंकि 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का अंत हो रहा है। उन्होंने कहा कि टैक्स का भुगतान आनलाइन भी हो सकता है। उच्च न्यायालयों को इस तरह टैक्स के भुगतान पर रोक लगाने वाले आदेश नहीं देने चाहिए।
उच्च न्यायालयों ने अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण किया
उन्होंने कहा कि जो लोग स्वयं से करों का भुगतान करना चाहते हैं वे भी उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण ऐसा नहीं करेंगे। उच्च न्यायालयों ने अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण किया है और सरकार के नीतिगत मामले में दखल दिया है।
उच्च न्यायालयों द्वारा जारी किये गए रोक आदेश स्थगित
सुप्रीम कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद केरल और इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिकाओं पर नोटिस जारी किया। इसके साथ ही कोर्ट ने उच्च न्यायालयों द्वारा एकपक्षीय सुनवाई में जारी किये गए रोक आदेश भी स्थगित कर दिये। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिये गए बयान को देखते हुए इस बीच हाईकोर्ट में लंबित सुनवाई पर भी रोक जारी रहेगी। केंद्र का बयान भी कोर्ट ने आदेश में दर्ज किया है जिसमें सरकार ने कहा है कि वह स्थिति के प्रति पूरी तरह से सचेत है और एक उचित तंत्र बनाया जाएगा ताकि लोगों को परेशानी न हो।