Coronavirus: छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे रेड और कंटेनमेंट जोन, सरकार चिंतित
एम्स रायपुर के नर्सिंग स्टाफ और बिलासपुर में महिला डॉक्टर के बाद अब रायपुर की स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इससे पीपीई पर सवाल उठने लगे हैं।
रायपुर, स्टेट ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार रेड जोन की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है। पिछली सूची में रेड जोन में राज्य के चार ब्लॉकों को शामिल किया गया था, लेकिन इस बार करीब 13 ब्लॉक शामिल होंगे। इसमें रायपुर को भी रेड जोन में शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों ने बताया कि कंटनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ेगी। कुछ जिले ऐसे हैं जिनमें पिछली सूची जारी होने के समय एक भी मामले नहीं थे, अब वहां मरीज आए हैं, इसलिए उन्हें रेड जोन में डाला जा सकता है।
लगातार संक्रमित हो रहा मेडिकल स्टाफ, पीपीई किट की गुणवत्ता पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगी टीम के लगातार संक्रमित होने के मामले सामने आ रहे हैं। एम्स रायपुर के नर्सिंग स्टाफ और बिलासपुर में महिला डॉक्टर के बाद अब रायपुर की स्टाफ कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इससे पीपीई की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।
कोरोना संकट के बीच बड़ी प्रशासनिक सर्जरी
छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट के बीच बड़ी प्रशासनिक सर्जरी शुरू हो चुकी है। 50 से अधिक आइएएस और आइपीएस के कार्य दायित्व में फेरबदल कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालय तक बड़े फेरबदल की तैयारी है। फरवरी-मार्च में विधानसभा के बजट सत्र के बाद स्थानांतरण की सूची जारी होनी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से मामला टल गया था।
यहां कोरोना के भय से बड़ी है प्यास
पत्थल गांव तहसील के लठघोरा गांव के ग्रामीणों के लिए कोरोना के भय से बड़ी प्यास बुझाने की चिंता है। यहां के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। 300 की जनसंख्या वालें गांव में एक हैंडपंप व एक कुआं है। कुआं सूख चुका है। हैंडपंप का वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है। तालाब का पानी पूरी तरह दूषित है। जान का भय दोनों तरफ है। इसे मजबूरी ही कहा जा सकता है कि जानते समझते हुए भी ग्रामीण तालाब का दूषित पानी को विवश हैं। भयावह यह कि ग्रामीण अपने मवेशियों को भी इसी तालाब में नहला रहे हैं। लठघोरा के सामान ही पत्थलगांव व फरसाबहार तहसील के 35 गांवों में भी कमोवेश कुछ ऐसे ही हालत हैं।
छत्तीसगढ़ के जशपुर में पाषाणयुग के भित्ति चित्र मिलने का दावा
छत्तीसगढ़ के जशपुर स्थित जयमरगा और देशदेखा की गुफाओं में पुरापाषाण युग से जुड़े भित्ति चित्र होने का दावा शोधार्थियों ने किया है। यहां पत्थर के उपकरण, शंख आदि भी पाए गए हैं, जिनकी कार्बन डेटिंग कराने का प्रयास शुरू किया गया है। जो भित्ति चित्र मिले हैं वह मानव जननांगों(फर्टीलिटी कल्ट) के हैं। इसी तरह के कल्ट कैलिफोर्निया में पाए गए थे। झारखंड निवासी अंशुमाला तिर्की, अक्षय घूमे व बालेश्वर कुमार बेसरा जशपुर में मिले भित्ति चित्र पर शोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि ये भित्ति चित्र पुरापाषाण युगीन अध्याय को नए सिरे से लिपिबद्ध करने पर इतिहासकारों को मजबूर कर देंगे। शोधार्थियों का कहना है कि आदिमानव के जो भित्ति चित्र मिले हैं उनमें मनुष्य के यौनांगों का चित्रण होने के साथ महिलाओं के मासिक धर्म को भी दर्शाया गया है। इससे स्पष्ट है कि पुरापाषाण युग के आदिमानव को अपनी शारीरिक रचना के संबंध में ज्ञान था।
अब छत्तीसगढ़ पर मंडराया टिड्डी दल का खतरा
मध्य प्रदेश के सरहदी जिलों में टिड्डी दल के हमले की आशंका को लेकर कृषि विभाग ने अलर्ट जारी किया है। टिड्डी दल का रुख अब छत्तीसगढ़ की ओर है। कृषि विभाग ने किसानों को कुछ कीटनाशकों के नाम सुझाते हुए उसका उपयोग करने की सलाह दी है।
पटेल और कर्मा के नामों पर संस्थानों की घोषणा के बाद विद्याचरण के समर्थकों ने उठाई मांग
झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल के नाम पर रायगढ़ में महाविद्यालय की घोषणा कर दी गई। वहीं महेंद्र कर्मा के नाम पर जगदलपुर महाविद्यालय का नाम किया जाएगा। लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ला के नाम पर किसी संस्थान की घोषणा नहीं हो पाई है। अब उनके समर्थक विद्याचरण के नाम पर नए संस्थान की घोषणा की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की थी कि नया रायपुर में झीरम के शहीदों की स्मारक बनेगी।
एसीआर नहीं लिखने से लटकी पुलिसकर्मियों की पदोन्नति
एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू में तैनात पुलिसकर्मियों की पिछले चार साल से एसीआर नहीं लिखे जाने के कारण पदोन्नति लटक गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एडीजी मुकेश गुप्ता के कार्यकाल में कर्मचारियों की एसीआर नहीं लिखी गई। अब नए सिरे से एसीआर लिखने का काम चल रहा है।
गरीबों को राहत और सामाजिक सुरक्षा देने की मांग को लेकर 27 मई को देशव्यापी आंदोलन
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने गांव, गरीब, किसानों और प्रवासी मजदूरों को राहत और सामाजिक सुरक्षा देने की मांग को लेकर 27 मई को देशव्यापी आंदोलन का आह्वान किया है। छत्तीसगढ़ में 28 को भी प्रदर्शन किया जाएगा। समिति से जुड़े देश के 300 से अधिक संगठन इसमें शामिल होंगे। प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में यह विरोध प्रदर्शन आयोजित होगा।
कोरोना मीटर छत्तीसगढ़
नए केस- 14
एक्टिव केस- 235
कुल संक्रमित- 307
स्वस्थ्य हुए- 72
मौत - शून्य