दद्दाजी की अर्थी को कंधा देने उमड़ी भीड़, पहुंचे कई नेता-अभिनेता, उड़ी नियमों की धज्जियां
पंडित देव प्रभाकर शास्त्री जिन्हें लोग प्यार से दद्दा कहते थे उनका कटनी में राज्यकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि नियमों को ताक पर रख दिया गया।
कटनी, जेएनएन। पंडित देव प्रभाकर शास्त्री जिन्हें लोग प्यार से दद्दा कहते थे, उनका कटनी में राज्यकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। हालांकि, नियमों को ताक पर रख दिया गया। कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लगाए गए लॉक डाउन के बावजूद दद्दा की अंत्येष्टि में सैकड़ों लोग शामिल हुए। आम लोगों के साथ-साथ इनमें नेता और अभिनेता भी थे। इस दौरान किसी को शारीरिक दूरी को बनाए रखने का भी ध्यान नहीं रहा और कुछ बिना मास्क लगाए ही पहुंच गए।
प्रशासन को इस बात का अहसास जरूर होगा कि दद्दा के अंतिम संस्कार में काफी लोग पहुंच सकते हैं। ऐसे में नियमों का पालन कराने के लिए पहले से इंतजाम कराए जाने चाहिए थे। हालांकि, प्रशासन की ओर से लगातार घोषणा की जा रही थी कि शारीरिक दूरी बनाकर रखें, लेकिन किसी ने नहीं सुना।
बता दें कि अंतिम यात्रा दद्दा धाम से निकाली गई थी। इसमे सैकड़ों की तादाद में उनके शिष्य शामिल हुए। इनमें राजनेता समेत अभिनेता भी मौजूद थे। उनके बड़े बेटे अनिल शास्त्री ने दद्दाजी को मुखाग्नि दी। दद्दा के शिष्यों ने उन्हें भावुक होकर अंतिम विवाई दी। दरअसल, जैसे ही दद्दा जी के निधन की जानकारी जैसे ही उनके जानकारों को मिली, तभी से आसपास और दूर-दूर से लोग यहां पहुंचने शुरू हो गए थे। दद्दा के पार्थिक शरीर को उनके घर पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
दद्दा की अंतिम यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के नेता संजय पाठक और अभिनेता आशुतोष राणा और राजपाल यादव भी शामिल हुए। इन्होंने दद्दा की अर्थी को कंधा दिया। इनके साथ नेता अजय विश्नोई, अर्चना चिटनीस और लखन घनघोरियाभी मौजूद थे। बता दें कि उनके भक्त दुनिया भर में हैं। इनमें बड़ी तादाद नेताओं और वीवीआईपीज की थी।
प्रशासन ने दद्दा जी को राज्यकीय सम्मान के साथ विदा किया गया। अंतिम संस्कार से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पुलिस के जवानों ने इस दौरार शारीकि दूरी का पूरा ध्यान रखा और मुंह पर मास्क भी पहना। लेकिन पूरे समय सैकड़ों लोग बिना सोशल डिस्टेंस के मौजूद रहे। इनमें से कई लोगों के चेहरे भी मास्क से ढंके हुए नहीं थे।