Fight with coronavirus: केंद्रीय विद्यालय, वृद्धाश्रम और छात्रावास बनेंगे क्वारंटाइन सेंटर
सरकार ने सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर मौजूद केंद्रीय विद्यालयों वृद्धाश्रमों और छात्रावासों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में तैयार करने को कहा है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकार ने मुस्तैदी और बढ़ा दी है। सभी जिलों को स्थानीय स्तर पर मौजूद केंद्रीय विद्यालयों, वृद्धाश्रमों और छात्रावासों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में तैयार करने को कहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर कोरोना से संक्रमित लोगों को वहां अलग-अलग रखा जा सके। इससे पहले देश के लगभग हर एक जिले में मौजूदा नवोदय विद्यालयों के छात्रावासों को इसके लिए इस्तेमाल में लेने के निर्देश दिए थे। सरकार ने यह कदम देश भर में कोरोना से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या और उनसे और काफी लोगों के संक्रमित होने की आशंका के आधार पर बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया है।
एचआरडी मंत्रालय ने दी केंद्रीय विद्यालयों को इस्तेमाल करने की अनुमति
दुनिया के दूसरे देशों में जिस तरह से इसके संक्रमण के विस्फोटक तरीके से बढ़ने के मामले सामने आये हैं। उसे देखते हुए और सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने केंद्रीय विद्यालयों का भी इसके लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इससे पहले नवोदय विद्यालयों और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने वृद्धाश्रमों को अपने परिसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
शैक्षिक संस्थानों के साथ छात्रावास का भी किया जा सकेगा उपयोग
मौजूदा समय में देशभर के करीब 230 जिलों में चार सौ से ज्यादा वृद्धाश्रम है। वहीं देश में करीब 12 सौ केंद्रीय विद्यालय है। इसी तरह लगभग सभी जिलों में शैक्षणिक संस्थानों के पास छात्रावास भी हैं। इनमें एससी-एसटी छात्रावास शामिल हैं। कोरोना के चलते शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से इनमें से ज्यादा छात्रावास मौजूदा समय में खाली है।
रेल कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जाएगा
कोरोना वायरस से निपटने के लिए रेलवे ने भी कमर कस ली है। केंद्र सरकार के आह्वान पर रेलवे ने रेल कोचों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कपूरथला के रेल कोच फैक्टरी (आरसीएफ) की ओर से आइसोलेशन वार्ड वाले कोचों को तैयार करने का काम शुरू हो गया है। आरसीएफ के पास फिलहाल 40 ऐसे नॉन एसी कोच तैयार हैं, जिन्हें दो-तीन दिनों की मशक्कत के बाद आइसोलेशन वार्ड में तबदील किया जा सकेगा। एक कोच में दो या तीन आइसोलेशन बेड होंगे, इस पर अभी विचार चल रहा है। डॉक्टर के लिए भी कोच के भीतर ही व्यवस्था की जाएगी।