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Coronavirus: 'अंकल मदद करो, मेडिकल हॉस्टल में हम दो लड़कियां ही हैं, घर पहुंचा दो'

प्रदेश भाजपा कार्यालय से संचालित हेल्पलाइन के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लुणावत तमाम लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Mar 2020 10:38 PM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2020 12:37 AM (IST)
Coronavirus: 'अंकल मदद करो, मेडिकल हॉस्टल में हम दो लड़कियां ही हैं, घर पहुंचा दो'
Coronavirus: 'अंकल मदद करो, मेडिकल हॉस्टल में हम दो लड़कियां ही हैं, घर पहुंचा दो'

भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में भाजपा द्वारा बनाई गई हेल्पलाइन 'फीड द नीडी' में सैकड़ों कॉल आ रहे हैं। प्रदेश भाजपा कार्यालय से संचालित इस हेल्पलाइन के प्रदेश प्रभारी और प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लुणावत व सह प्रभारी राघवेंद्र शर्मा तमाम लोगों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

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मजदूरों को खाने के पैकेट पहुंचाए गए, 15 दिन का राशन भी दिया गया

जबलपुर से मेडिकल छात्राओं के फोन आने पर दोनों छात्राओं को प्रशासन की मदद से अन्य छात्रावास में भिजवाया गया है। वहीं इंदौर में 80 वर्षीय महिला को भी ओल्ड एज होम में भिजवाया गया है। उनका चिकित्सीय परीक्षण भी करवाया गया। इसी तरह भाजपा नेता रविंद्र यति को भेजकर भोपाल के सागर एनक्लेव में फंसे 95 मजदूरों को खाने के पैकेट पहुंचाए गए। फिर उन्हें अगले 15 दिन का राशन दिया गया।

हर राज्य में हेल्पलाइन

भाजपा की हेल्पलाइन के जरिए हो रही ये मदद तो एक बानगी है। यहां पिछले तीन दिन में कम से कम 1500 कॉल आ चुके हैं। इनमें कई कॉल तो प्रदेश के बाहर से भी आए हैं। पार्टी नेताओं के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कोरोना से उपजी आपदा से निपटने के लिए हर राज्य के लिए एक हेल्पलाइन की शुरुआत की है। मप्र में इसकी कमान प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत को सौंपी गई है। बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा को इसका सहप्रभारी बनाया गया है। वहीं आलोक शर्मा, विजय अठवाल, राहुल कोठारी और विकास बोंद्रिया को इस टीम में शामिल किया गया है।

केंद्रीय मंत्रियों की लगाई ड्यूटी

कोरोना की आपदा से निपटने के लिए भाजपा ने मध्य प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटा है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे को ग्वालियर-चंबल की कमान सौंपी गई है। दोनों नेता यहां राहत एवं पुनर्वास का काम कराएंगे। महाकोशल का प्रभारी केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और संजय टंडन को बनाया गया है। वहीं मालवांचल के लिए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत को प्रभारी बनाया गया है।

पांच लाख वॉलेंटियर्स की फौज

भारतीय जनता पार्टी ने 'फीड द नीडी' के तहत कोरोना से निपटने के लिए पांच लाख वॉलेंटियर्स ( कार्यकर्ताओं ) की फौज तैयार की है। भाजपा के हर मंडल में इसके लिए 500 कार्यकर्ताओं को तैयार किया गया है। यह सारे कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में पांच लोगों को चिन्हित कर उनके रहने, खाने और स्वास्थ्य की व्यवस्था कर रहे हैं। हेल्पलाइन के जरिए भाजपा मजदूरों को मदद पहुंचा रही है। पार्टी नेताओं के मुताबिक मध्य प्रदेश में रह रहे अन्य राज्यों के मजदूरों के लिए रहने, खाने-पीने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि कोई भी बाहर न निकले।

सवा पांच लाख खाने के पैकेट बांटे: लुणावत 

'फीड द नीडी' के प्रदेश प्रभारी विजेश लुणावत ने 'नईदुनिया' को बताया कि पिछले तीन दिन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को खाने के पैकेट बांटे हैं। पहले दिन प्रदेश में सवा तीन लाख पैकेट बांटे गए थे। रविवार को साढ़े चार लाख और सोमवार को सवा पांच लाख पैकेट भोजन वितरित किया गया।

हाईवे और सीमावर्ती इलाकों से आ रहे लोगों की मदद

लुणावत के मुताबिक, राज्य के हाईवे और सीमावर्ती इलाकों से आ रहे लोगों के लिए नाश्ते भोजन से लेकर घर पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं। बाहर से आए ऐसे सारे लोगों को क्वारंटाइन में रहने के लिए सलाह भी दी जा रही है। जो कोई बीमार हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। अन्य राज्यों में रह रहे लोग भी मदद मांग रहे हैं। उनके लिए वहां पार्टी स्तर पर बात करके मदद दिलाई जा रही है।

भाजपा की हेल्पलाइन 'फीड द नीडी' में मदद के लिए पुकार, तीन दिन में 1500 फोन आए

1- 'अंकल हमारी मदद करो। जबलपुर के सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के ग‌र्ल्स हॉस्टल में हम दो लड़कियां ही बची हैं और कोई नहीं है। सारे लोग चले गए। खंडवा में हमारा घर है। प्लीज हमें घर पहुंचाने की व्यवस्था करवा दो।'

2- 'जी नमस्कार साहब, हमारे घर के बाजू में 80 साल की एक बुजुर्ग माताजी रहती हैं। उनके बच्चे बेंगलुरु में रहते हैं। इंदौर में वो अकेली फंस गई हैं। इनके खाने-पीने और देखभाल की कुछ व्यवस्था करवा दो।'

3- 'भाईसाहब, हम बालाघाट के निवासी हैं। सभी 95 लोग यहां मजदूरी करने आए थे। भोपाल के कोलार क्षेत्र स्थित सागर एनक्लेव में रह रहे थे। अब खाने के लिए कुछ नहीं बचा है। हमें घर भिजवा दो।'


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