Move to Jagran APP

केरल में कोरोना का कहर, वोट बैंक की राजनीति पड़ रही भारी, तीसरी लहर का अंदेशा

बेहतर हो कि केंद्र और राज्य सरकारें यही मानकर चलें कि तीसरी लहर सिर उठाने ही वाली है और उसे रोकने के लिए हरसंभव जतन करें। निसंदेह केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास तभी प्रभावी साबित होंगे जब आम जनता भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी का निर्वाह करेगी।

By TilakrajEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 08:45 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:04 AM (IST)
केरल में कोरोना का कहर, वोट बैंक की राजनीति पड़ रही भारी, तीसरी लहर का अंदेशा
कोविड जैसी खतरनाक महामारी केवल सरकारी प्रयासों से थमने वाली नहीं

नई दिल्‍ली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच केरल में कोरोना के बढ़ते मामले गंभीर चिंता का विषय हैं। हालांकि वहां के हालात से चिंतित केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम भेजी है, लेकिन कहना कठिन है कि राज्य सरकार उसके सुझावों के हिसाब से जरूरी कदम उठाती है या नहीं? वैसे संक्रमण के मामलों में यकायक तेजी आते देख केरल सरकार दो दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन लगाने जा रही है, लेकिन इसमें संदेह है कि इतने मात्र से संक्रमण थम जाएगा।

loksabha election banner

बकरीद पर लॉकडाउन में छूट पड़ी भारी

यह साफ है कि संक्रमण के मामले में केरल इसीलिए मुश्किलों से घिर गया है, क्योंकि उसने बकरीद के अवसर पर लॉकडाउन में तीन दिनों के लिए छूट दे दी। यह छूट यह जानते हुए भी दी गई कि इससे संक्रमण बेलगाम हो सकता है। चूंकि केरल सरकार पर वोट बैंक को संतुष्ट करने का भूत सवार था, इसलिए उसने उन आपत्तियों पर जानबूझकर ध्यान नहीं दिया, जो इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अन्य अनेक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की ओर से व्यक्त की गई थीं। एक गड़बड़ी यह भी हुई कि सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल मामले का संज्ञान लेने और फैसला देने में देर कर दी। उसकी आपत्ति तब सामने आई, जब बकरीद पर दुकानें खोलने और खरीदारी करने की छूट का आखिरी दिन था।

देश में तीसरी लहर की आशंका को उभारने का काम

सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार के फैसले पर नाराज होते हुए कहा था कि यदि संक्रमण बढ़ा तो वह कार्रवाई करेगा। सवाल है कि क्या वह ऐसा करेगा? सुप्रीम कोर्ट कुछ भी करे, केरल सरकार को यह आभास होना चाहिए कि उसने अपने गैर जरूरी फैसले से राज्य की जनता को तो खतरे में डाला ही, देश में तीसरी लहर की आशंका को उभारने का भी काम किया। केरल में जिस तेजी से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे यह अंदेशा गहरा गया है कि तीसरी लहर की शुरुआत वहीं से हो सकती है।

महामारी केवल सरकारी प्रयासों से थमने वाली नहीं

अंदेशा इसलिए भी गहरा रहा है, क्योंकि पूर्वोत्तर के अनेक राज्यों में जहां संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहीं देश के कुछ अन्य हिस्सों में संक्रमण घटने की दर थमती दिख रही है। इससे यह सवाल उभर आया है कि कहीं संक्रमण की तीसरी लहर सिर तो नहीं उठा रही है? बेहतर हो कि केंद्र और राज्य सरकारें यही मानकर चलें कि तीसरी लहर सिर उठाने ही वाली है और उसे रोकने के लिए हरसंभव जतन करें। नि:संदेह केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयास तभी प्रभावी साबित होंगे, जब आम जनता भी अपने हिस्से की जिम्मेदारी का निर्वाह करने के लिए तत्पर होगी। जनता को यह समझना ही होगा कि कोरोना वायरस से उपजी कोविड जैसी खतरनाक महामारी केवल सरकारी प्रयासों से थमने वाली नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.