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Positive India: कोरोना से लड़ाई में मददगार है आईआईटी भुवनेश्वर की 'प्राणवायु' डिवाइस

टेक्निकल और मेडिकल संस्थान कोरोना को मात देने के लिए रोज नए प्रयोग कर रहे हैं। इसी फेहरिस्त में आईआईटी भुवनेश्वर ने ऐसी डिवाइस का निर्माण किया है जो कोरोना से लड़ाई में कारगर है।

By Vineet SharanEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 09:22 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 09:23 AM (IST)
Positive India: कोरोना से लड़ाई में मददगार है आईआईटी भुवनेश्वर की 'प्राणवायु' डिवाइस
Positive India: कोरोना से लड़ाई में मददगार है आईआईटी भुवनेश्वर की 'प्राणवायु' डिवाइस

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र। आईआईटी और एनआईटी से लेकर देशभर के तमाम टेक्निकल और मेडिकल संस्थान कोरोना को मात देने के लिए रोज नए प्रयोग कर रहे हैं। इसी फेहरिस्त में आईआईटी भुवनेश्वर ने कुछ ऐसी डिवाइस का निर्माण किया है, जो कोरोना से लड़ाई में काफी कारगर है। इसमें प्राण वेंटिलेटर, लो कॉस्ट वेंटिलेटर, यूवीसी डिस्फंक्शन कैबिनेट, पॉकेट सेनिटाइजर, हैंड डिस्फेंक्शन आदि प्रमुख हैं।

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आईआईटी भुवनेशवर के निदेशक प्रोफेसर आर वी राजकुमार ने बताया कि हमने लो कॉस्ट वेंटिलेटर और प्राण वेंटिलेटर का निर्माण किया है। लो कॉस्ट वेंटिलेटर की कीमत आठ हजार रुपये है। इसके बड़ी संख्या में प्रोडक्शन के लिए आईसीएमआर से संस्तुति आनी बाकी है। उन्होंने बताया कि वेंटिलेटर को ऑक्सीजन सप्लाई से जोड़ा गया है और इसकी पंपिंग रेट को जरूरत के अनुसार घटाया-बढ़ाया जा सकता है।

प्रोफेसर आर वी राजाकुमार ने बताया कि डॉक्टर रोगी की सांस लेने की फ्रीक्वेंसी का आकलन कर उसे सेट करेगा। यह डिवाइस बिना किसी शोर के आराम से काम करेगी। उन्होंने बताया कि यह वेंटिलेटर पोर्टेबल है और इसका वजन तीन किग्रा है।

इसके अलावा आईआईटी ने प्राण (पेशेंट रिस्पांसिव एक्टिव असिस्ट कंट्रोल) वेंटिलेटर का भी निर्माण किया है। इसमें रोगी वेंटिलेटर में प्राकृतिक तौर पर सांस ले सकेगा और जल्द अपनी सांस की गति को बेहतर करने में सक्षम हो सकता है। संस्थान का दावा है कि इससे रोगी के फेफड़ों के खराब होने की आशंका कम होगी। प्राण को स्टेंडर्ड वॉल्यूम कंट्रोल मॉड में ऑपरेट किया जा सकेगा। प्रोफेसर राजकुमार का कहना है कि इसका मेंटेनेंस और रिपेयर काफी आसान हैं।

मल्टी सरफेस सेनिटाइजर

प्रोफेसर राजकुमार ने बताया कि रोजमर्रा के सामान को संक्रमणमुक्त करने के लिए आईआईटी भुवनेश्वर ने एक सुरक्षित और मल्टी सरफेस सेनिटाइजर का निर्माण किया है, जो यूवीसी लाइट का प्रयोग करता है। उन्होंने बताया कि किसी भी इस चैंबर में वस्तुओं को रखने से उसे संक्रमणमुक्त किया जा सकता है। यह डिवाइस 15 मिनट में चीजों को डिस्फेंक्ट कर देती है। इसके अलावा, संस्थान ने एक डिवाइस का निर्माण किया है, जिससे सेलफोन, मास्क और पीपीई को संक्रमणमुक्त किया जा सकता है। साधारण साबुन और पानी से भी आसानी से कीटाणु नहीं जाते हैं, ऐसे में यह डिवाइस काफी महत्वपूर्ण है।  


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