Move to Jagran APP

COVID-19 Vaccine India : भारत में जल्द वैक्सीन मिलने की उम्मीद, जानें- वितरण व्यवस्था और किसे पहले लगेगा टीका

corona vaccine in India 30 करोड़ लोगों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीन दी जाएगी।15 दिसंबर तक राज्य जिला से लेकर ब्लॉक स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक हो जाएगी। तीन करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए कोल्ड चैन और स्टोरेज की व्यवस्था होगी।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 08 Dec 2020 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 09 Dec 2020 07:07 AM (IST)
COVID-19 Vaccine India : भारत में जल्द वैक्सीन मिलने की उम्मीद, जानें- वितरण व्यवस्था और किसे पहले लगेगा टीका
वैक्सीन वितरण की व्यवस्था चाक-चौबंद करने में जुटी सरकार (फाइल फोटो)

नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद को देखते हुए सरकार ने इसके वितरण की व्यवस्था को चाक-चौबंद करना शुरू कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, केंद्र सरकार से लेकर ब्लॉक स्तर पर वैक्सीन लगाए जाने का तंत्र तैयार है और देश के सभी ब्लॉक में गठित टास्क फोर्स की बैठक 15 दिसंबर तक पूरा करने को कह दिया गया है। इसके साथ ही वैक्सीन लगाये जाने वाले प्राथमिकता समूहों से लेकर उन्हें लगाने वालों की सूची भी तैयार कर ली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पहले फेज में सरकार के पास वैक्सीन के तीन करोड़ डोज अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कोल्ड चैन पहले से तैयार है।

loksabha election banner

कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का विस्तृत खाका पेश

कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का विस्तृत खाका पेश करते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि 14 अप्रैल को प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन और नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल की सह-अध्यक्षता में वैक्सीन टास्क फोर्स की शुरुआत हो गई थी। इसके बाद सात अगस्त को डॉक्टर वीके पॉल और स्वास्थ्य सचिव की सह-अध्यक्षता में नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रेशन (नेगवैक) का गठन किया गया था, जिसमें विशेषज्ञों के साथ-साथ पांच राज्यों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि नेगवैक ने कुल 30 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों की पहचान कर ली है। इनमें एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, दो करोड़ पुलिसकर्मी, सफाईकर्मी समेत अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं। इसके अलावा 27 करोड़ ऐसे लोग हैं, जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है। सबसे पहले इन्हीं लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। वैसे राजेश भूषण ने यह भी साफ कर दिया कि इन तीन समूहों में एक साथ वैक्सीन की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

वैक्सीन वितरण के लिए सभी राज्यों में टास्क फोर्स का गठन

राजेश भूषण ने कहा कि कोरोना के वैक्सीन वितरण के लिए सभी राज्यों में राज्य स्तर पर संचालन समिति और टास्क फोर्स का गठन हो चुका है। इसके साथ ही जिला और ब्लॉक स्तर पर भी टास्क फोर्स बनाया गया है। सभी राज्यों में राज्य संचालन समिति और टास्क फोर्स की बैठक मंगलवार तक हो जाएगी, वहीं जिला स्तर पर टास्क फोर्स की बैठक 10 दिसंबर और ब्लॉक स्तर पर टास्ट फोर्स की बैठक 15 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश में वैक्सीन को फ्रीजर में रखने और लाने-ले जाने के लिए 85,634 स्टोरेज और 28,947 कोल्ड चैन के प्वाइंट मौजूद हैं, जो तीन करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने के लिए पर्याप्त है। इसके साथ राज्यों से अतिरिक्त कोल्ड स्टोरेज व कोल्ड चैन की जरूरतों पर बातचीत हो रही है और 10 दिसंबर से उन्हें इसकी आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

पर्याप्त मात्रा में सीरिंज व नीडल्स खरीदने के लिए तैयार की जा रही है एसओपी 

राजेश भूषण के अनुसार, देश में इस समय वैक्सीन देने वाले कर्मियों की संख्या 2.39 लाख है, जो मौजूदा टीकाकरण अभियान में लगे हुए हैं। इनमें से 1.54 लाख वैक्सीन कर्मियों को कोरोना वैक्सीन में लगाया जाएगा, ताकि बच्चों और महिलाओं के लिए चल रहा टीकाकरण कम-से-कम प्रभावित हो। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में सीरिंज व नीडल्स खरीदने के लिए एसओपी तैयार की जा रही है। राजेश भूषण के अनुसार, राज्यों के साथ मिलकर कोरोना के वैक्सीन देने की विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है और को-विन प्लेटफार्म पर हर वैक्सीन के उत्पादन से लेकर लोगों तक लगने तक पूरी नजर रखी जाएगी।

तीसरे फेज के ट्रायल के पहले ही मिल सकती है कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत

भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को तीसरे फेज के ट्रायल का पूरा डाटा आने के पहले भी इमरजेंसी उपयोग की इजाजत मिल सकती है। आइसीएमआर के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने इसके साफ संकेत दिये। उनके अनुसार, कोवैक्सीन के पहले और दूसरे फेज का डाटा मौजूद है, जिसमें पूरी तरह सुरक्षित और कारगर पाया गया है। नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने वैक्सीन के असर और सुरक्षा के दावों की जांच देश से शीर्ष विशेषज्ञों की टीम कर रही है और हमें उसके फैसले पर भरोसा करना चाहिए। डॉक्टर वीके पॉल के अनुसार, कुछ मामलों में इमरजेंसी इस्तेमाल के साथ-साथ ट्रायल की प्रक्रिया भी साथ-साथ चल सकती है।

देश में कुल नौ वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में, तीन ने मांगी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत

देश में कोरोना के वैक्सीन की स्थिति साफ करते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कुल नौ वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के स्टेज में है, जिसमें दो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का कोविशील्ड और भारत बायोटेक का कोवैक्सीन तीसरे फेज के एडवांस स्टेज में है। सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। सीरम इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन और ब्राजील में हुए ट्रायल का डाटा पेश किया है। लेकिन भारत बायोटेक के तीसरे फेज के ट्रायल का डाटा अभी नहीं आया है। इसके अलावा विदेशी धरती पर हुए ट्रायल के डाटा के आधार पर फाइजर ने भी अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मांगी है। लेकिन स्वास्थ्य सचिव के अनुसार नेशनल रेगुलेटरी अथारिटी तीनों वैक्सीन पर एक साथ विचार कर रहा है।

भारत बायोटेक के वैक्सीन के तीसरे फेज के डाटा के बिना भी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत के बारे में पूछे जाने पर आइसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि यह रेगुलेटर अथॉरिटी में बैठे में विशेषज्ञों पर निर्भर करता है। यदि विशेषज्ञ पहले और दूसरे फेज के ट्रायल के डाटा के आधार पर संतुष्ट होते हैं, तो तीसरे फेज के बीच में भी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.