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कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने टिकटॉक पर डांस का वीडियो बनाकर परिवार को बताया 'मैं ठीक हूं'

कोरोना पॉजिटिव मरीज ने अपने स्वजन की चिंता को ध्यान में रखते हुए खुद के ठीक होने का सुबूत टिकटॉक पर डांस करते हुए वीडियो बनाकर दिया।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 11:56 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 12:03 AM (IST)
कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने टिकटॉक पर डांस का वीडियो बनाकर परिवार को बताया 'मैं ठीक हूं'
कोरोना संक्रमित व्यक्ति ने टिकटॉक पर डांस का वीडियो बनाकर परिवार को बताया 'मैं ठीक हूं'

अश्विन बक्शी, इंदौर। इंदौर के एक अस्पताल में 26 दिन से भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज ने अपने स्वजन की चिंता को ध्यान में रखते हुए खुद के ठीक होने का सुबूत टिकटॉक पर डांस करते हुए वीडियो बनाकर दिया। मरीज के पॉजिटिव होने के बाद उसके बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों को भी क्वारंटाइन किया गया था। 14 दिन क्वारंटाइन सेंटर में रहने और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद सभी घर पहुंच चुके हैं। पॉजिटिव मरीज की छुट्टी नहीं होने से परिवार के लोग घबराए हुए थे।

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कोरोना पॉजिटिव मरीज भूपेंद्र काले 12 अप्रैल को एक अस्पताल में भर्ती हुए थे। यहां 15 अप्रैल को उनका सैंपल लिया गया था। कुछ दिन तक रिपोर्ट नहीं आने के बाद इस बारे में उन्होंने पूछा तो कहा गया कि सैंपल रिजेक्ट हो गया है। इसके बाद 22 अप्रैल को फिर सैंपल लिया गया, जिसकी 26 अप्रैल को निगेटिव रिपोर्ट आई।

26 अप्रैल को फिर सैंपल लिए गए, जिन्हें फिर रिजेक्ट होना बताया गया। इसके बाद तीन मई को सैंपल लिया गया, जिसकी पांच मई को निगेटिव रिपोर्ट आई, लेकिन अभी तक दूसरा सैंपल नहीं लिया गया। भूपेंद्र जिस वार्ड में भर्ती हैं, उसमें 25 लोग भर्ती थे। इनमें अब केवल चार मरीज बचे हैं। उनमें से भी दो मरीजों के सैंपल रिजेक्ट हुए हैं।

वीडियो देख बच्चे खिलखिलाए, पत्नी और माता-पिता मुस्कुराए

भूपेंद्र ने बताया कि अभी तक उनके घर नहीं पहुंचने से स्वजन चिंतित हैं। बच्चे दिन में तीन-चार बार वीडियो कॉल कर बात करते हैं और पूछते हैं कि पापा आप घर कब आओगे। भूपेंद्र ने बच्चों को अपने स्वस्थ होने का संदेश देने के लिए फिल्म रामलखन के गाने और मटकी धुन पर डांस करते हुए दो वीडियो बनाए हैं। वीडियो देखने के बाद दोनों बच्चे खिलखिलाए, वहीं पत्नी और माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान आ गई।

सकारात्मकता बनाए रखी, ऑनलाइन कवि सम्मेलन में लिया भाग

अस्पताल में भर्ती रहने के बाद भी भूपेंद्र ने सकारात्मकता बनाए रखी। उन्होंने ऑनलाइन कवि सम्मेलन में भाग लेकर पुरस्कार भी जीता। कविताएं लिखने का शौक भी पूरा करते रहे। समय पर दवाइयां लीं और नियमित योग-व्यायाम भी करते रहे। वे अन्य मरीजों को भी बीमारी से लड़ने की हिम्मत दे रहे हैं।


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