Move to Jagran APP

DATA STORY: कोरोना के कहर से एक करोड़ मजदूर लौटे थे घर, यूपी और बिहार के 45 फीसदी मजदूरों ने झेली थी परेशानी

कोरोना महामारी का दंश पूरे देश ने झेला है। हर क्षेत्र पर इसकी मार पड़ी है। हाशिए पर जीने वाले प्रवासी मजदूरों को इसकी वजह से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। मजदूरों को कोरोना की वजह से पलायन कर अपने घर वापस लौटना पड़ा।

By Vineet SharanEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 08:59 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 04:23 PM (IST)
DATA STORY: कोरोना के कहर से एक करोड़ मजदूर लौटे थे घर, यूपी और बिहार के 45 फीसदी मजदूरों ने झेली थी परेशानी
लाक़डाउन की शुरुआत में कुछ मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े थे।

नई दिल्ली, अनुराग मिश्र/पीयूष अग्रवाल। कोरोना महामारी का दंश पूरे देश ने झेला है। हर क्षेत्र पर इसकी मार पड़ी है। हाशिए पर जीने वाले प्रवासी मजदूरों को इसकी वजह से बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। अपनी आजीविका की खातिर देश के विभिन्न हिस्सों से बड़े शहरों में आए मजदूरों को कोरोना की वजह से पलायन कर अपने घर वापस लौटना पड़ा। शुरुआत में कुछ मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े थे। हालांकि, बाद में राज्य और केंद्र सरकार ने सुध ली और इन्हें ट्रेनों और बसों के माध्यम से अपने घरों तक पहुंचाया। संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, एक करोड़ से अधिक प्रवासी मजदूर लॉकडाउन की वजह से अपने घरों को लौट गए।

loksabha election banner

एक अतारांकित प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय श्रम और रोजगार मामलों के मंत्री ने राज्यवार उन मजदूरों का डाटा शेयर किया, जो कोरोना की वजह से अपने घर वापस लौट गए। उपलब्ध डाटा के अनुसार, सबसे अधिक प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश (32.5 लाख), बिहार (15 लाख) और पश्चिम बंगाल (13.8 लाख) वापस लौटे। उस दौरान 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के डेटा मौजूद नहीं हैं। मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं।

रेलवे और कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में बताया कि 1मई से 31 अगस्त तक 4,621 श्रमिक ट्रेनें चलाई गईं। इनके माध्यम से 63.19 लाख मजदूरों को देशभर में उनके घर पहुंचाया गया। रेलवे द्वारा प्रवासी मजदूरों को दी गई सुविधाओं के जवाब में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन के यात्रियों को 1.96 करोड़ मील (खाने) और 2.19 करोड़ पैकेटबंद पानी मुहैया कराया। वहीं, राज्य सरकारों द्वारा भी 46.2 लाख मील (खाने) और बोतल बंद पानी यात्रा के दौरान मजदूरों को उपलब्ध कराया गया।

मंत्रालय द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात ने 1033 और महाराष्ट्र ने 817 ट्रेनें बुलवाईं। आंकड़ों के मुताबिक, बिहार और उत्तर प्रदेश में क्रमश: 1627 और 1726 ट्रेनें पहुंचीं। आंकड़ों के मुताबिक, 45 फीसदी मजदूर यूपी और बिहार से ताल्लुक रखते हैं। टिकट बेचकर राजस्व की कमाई के सवाल पर पीयूष गोयल ने जवाब दिया कि रेलवे में श्रमिकों से किसी तरह का किराया नहीं लिया। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को राज्य सरकारों या राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों द्वारा बुक किया गया। राज्यों से 433 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्रित किया गया।

प्रवासी मजदूरों की मौत पर मंत्री ने कहा कि 9 सितंबर तक कुल 97 मजदूरों की मौत हुई थी। हालांकि, कुछ दिनों पहले श्रम मंत्रालय ने कहा था कि उनके पास प्रवासी मजदूरों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.