जीवित है टीवी पर तड़पता दिखाया गया जवान: डीजी
बिहार के औरंगाबाद जिले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए टाइम बम को निष्क्रिय करते समय हुए धमाके में घायल सीआरपीएफ का जवान अभी जीवित है। सीआरपीएफ प्रमुख [महानिदेशक] दिलीप त्रिवेदी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो में घायल दिखाया गया जवान दिलीप कुमार है। जबकि गलती से इसे सहायक कमांडेंट इंद्रजीत सिंह बताया गया था, जिनकी धमाके में मौत हो गई थी।
नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। बिहार के औरंगाबाद जिले में सोमवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए टाइम बम को निष्क्रिय करते समय हुए धमाके में घायल सीआरपीएफ का जवान अभी जीवित है। सीआरपीएफ प्रमुख [महानिदेशक] दिलीप त्रिवेदी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि टीवी चैनलों पर प्रसारित वीडियो में घायल दिखाया गया जवान दिलीप कुमार है। जबकि गलती से इसे सहायक कमांडेंट इंद्रजीत सिंह बताया गया था, जिनकी धमाके में मौत हो गई थी। इधर, मंगलवार को रांची के धुर्वा स्थित सीआरपीएफ शिविर में सहायक कमांडेंट का शव लेने पहुंचे उनके परिजनों ने समय पर इलाज न मिलने का आरोप लगाया।
सीआरपीएफ प्रमुख ने कहा कि जिस जवान को टीवी पर दिखाया गया वह डिप्टी कमांडर इंद्रजीत सिंह नहीं है, जिसकी सोमवार को धमाके में मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा, जिस सिपाही को टीवी चैनलों पर दिखाया गया, वह हमारा जवान दिलीप है। उसका रांची के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। डीजी त्रिवेदी ने कहा, 'मैं तथ्यों को गलत तरीके से पेश किए जाने से आश्चर्यचकित हूं।' टीवी चैनलों पर प्रसारित दिल दहला देने वाले वीडियो में दिलीप को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और डीजी से अपनी जिंदगी बचाने की भीख मांगते दिखाया गया था। वीडियो में दर्द भरी आवाज में कांस्टेबल कह रहा था, 'मेरे आसपास कोई डॉक्टर नहीं है..मैं मर जाऊंगा..मेरा खून बह रहा है..मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं..दो घंटे हो गए हैं लेकिन अब तक मेरे लिए कोई हेलीकॉप्टर नहीं भेजा गया। मैं एक आइईडी धमाके में घायल हुआ हूं।'
टीवी चैनलों ने उसे सीआरपीएफ का डीसी इंद्रजीत सिंह बताया था, जिनकी आइईडी हमले में पहले ही मौत हो चुकी थी। औरंगाबाद जिले में बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में इंद्रजीत समेत सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हुए थे जबकि आठ अन्य घायल हो गए थे। मंगलवार को शहीद इंद्रजीत के शव को अधिकारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनका शव मनेर (पटना) स्थित उनके आवास भेज दिया गया। शहीद इंद्रजीत के परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि समय पर हेलीकॉप्टर आ जाता तो उनकी जान बच सकती थी।