आश्रयगृह में धर्मातरण का मामला, पिता को भी नहीं पता बच्चे का कैसे बदल गया धर्म
भोपाल के एक आश्रयगृह में रह रहे एक बच्चे की पहचान दूसरे धर्म के रूप में हुई है। बच्चे के पिता को धर्म बदलने के बारे में पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हिंदू हूं तो मेरे बच्चे का धर्म दूसरा कैसे हो गया।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक आश्रयगृह में रहने वाले गरीब परिवार के एक बच्चे के धर्मातरण का मामला सामने आया है। दरअसल, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) विभिन्न आश्रयगृहों में रह रहे बच्चों के दस्तावेज सत्यापन सहित अन्य कार्रवाई कर रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को 14 वर्षीय बच्चे के दस्तावेज सत्यापन के दौरान समिति उसके धर्म और पहचान को लेकर उलझन में पड़ गई। उधर, बच्चे के पिता को धर्म बदलने के बारे में पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं हिंदू हूं तो मेरे बच्चे का धर्म दूसरा कैसे हो गया।
इस मामले में नौ साल से भोपाल के एक आश्रयगृह में रह रहे एक बच्चे की पहचान दूसरे धर्म के रूप में हुई है। उसके सारे दस्तावेज यही इशारा करते हैं कि बच्चा अपने पिता के धर्म से अलग है। गुरुवार को बच्चे को लेने आए पिता ने साफ शब्दों में कहा कि वह हिंदू हैं और उनका बच्चा भी हिंदू है। ऐसे में बच्चे की पहचान दूसरे धर्म की कैसे बन गई, इससे वे खुद भी हैरान हैं।
दरअसल, समिति ने इस बालक के पिता को उसे साथ ले जाने के लिए बुलाया था। दस्तावेज सत्यापन के बाद समिति को शंका हुई और उन्होंने बच्चे को उनको सौंपने से इन्कार कर दिया। समिति ने बच्चे को वापस आश्रयगृह भेज दिया। इस मामले को लेकर समिति महिला बाल विकास विभाग के जिला बाल सुरक्षा समिति (डीसीपीयू) को पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग करेगी। अभी सारी जानकारी गोपनीय रखी गई है। शुक्रवार को मामले में और जानकारी उजागर हो सकती है। समिति ने बताया कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत इसी माह दो और मामले इस तरह के ही सामने आ चुके हैं, जिससे वर्तमान में गठित सीडब्ल्यूसी सदस्य भी अचंभित हैं।
अब क्या होगा
इस मामले में महिला बाल विकास विभाग जांच कर आगे की कार्रवाई करेगा। अगर बच्चे का धर्म बदलने को लेकर आश्रयगृह की गलती पाई गई तो उस पर कार्रवाई होगी। अभी मामला बाल कल्याण समिति के पास ही है। कहीं कोई शिकायत नहीं की गई है।
डा. कृपाशंकर चौबे, सदस्य, सीडब्ल्यूसी
14 वर्षीय बच्चे को उसके अभिभावक के सुपुर्द करना था। जब दस्तावेजों का सत्यापन किया गया तो पता चला कि उसके धर्म को लेकर कुछ गड़बड़ है। इसलिए बच्चे को अभी पिता को नहीं सौंपा गया है। जांच के लिए महिला बाल विकास विभाग को पत्र लिखा जाएगा।