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अकबरुद्दीन ओवैसी ने फिर खड़ा किया बखेड़ा

अपने विवादित बयानों के जरिये सुर्खियों में रहने वाले मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआइएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने फिर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। आंध्र प्रदेश विधान सभा में तेलंगाना पर चर्चा के दौरान ने यह कह कर सनसनी फैला दी कि हैदराबाद के निजाम का शासन अच्छा था।

By Edited By: Published: Tue, 21 Jan 2014 09:57 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2014 10:20 PM (IST)
अकबरुद्दीन ओवैसी ने फिर खड़ा किया बखेड़ा

हैदराबाद। अपने विवादित बयानों के जरिये सुर्खियों में रहने वाले मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआइएम) के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने फिर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है। आंध्र प्रदेश विधान सभा में तेलंगाना पर चर्चा के दौरान ने यह कह कर सनसनी फैला दी कि हैदराबाद के निजाम का शासन अच्छा था।

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तेदेपा व सीमांध्र के कांग्रेसी विधायकों के निजाम के खिलाफ टिप्पणी से कुपित एमआइएम विधायक दल के नेता ओवैसी का कहना था, 'निजाम ने देश की बड़ी सेवा की थी। 1962 में चीन से युद्ध के समय निजाम ने भारत सरकार को 122 किलो सोना और 9 करोड़ रुपये देकर मदद की थी।'

उन्होंने कहा कि पुराने जख्मों को हरा नहीं किया जाना चाहिए। इससे नुकसान के सिवा किसी को भी फायदा नहीं होगा।

ओवैसी दरअसल तेदेपा विधायक पी केशव, मोटकुपल्ली नरसिंहलू व सीमांध्र क्षेत्र से आने वाले संसदीय कार्यमंत्री एस शैलजानाथ की टिप्पणी से आहत थे। तेदेपा विधायक केशव ने बिल पर चर्चा के दौरान कह दिया कि तेलंगाना आंदोलन आंध्र प्रदेश के गठन के खिलाफ नहीं शुरू हुआ था। यह पूरा आंदोलन निजाम के निरंकुश शासन व स्थानीय जमींदारों की दादागीरी के विरुद्ध था।

उनकी बात का समर्थन करते हुए तेदेपा के ही नरसिंहलू ने कहा कि निजाम का शासन कभी धर्म निरपेक्ष नहीं थे। वारांगल के हिंदुओं पर बेइंतहा जुल्म ढाए गए। निजाम ने हजारों निर्दोष लोगों को बेवजह मरवा दिया था। उनकी इस टिप्पणी का टीआरएस विधायक दल के नेता ई राजेंद्र ने पुरजोर विरोध किया। उनका कहना था कि निजाम के शासन के दौरान खूब विकास हुआ। तरक्की के मामले में हैदराबाद ने काफी नाम कमाया। इस पर सीमांध्र के कांग्रेसी विधायक के साथ संसदीय कार्यमंत्री एस शैलजा नाथ भड़क उठे। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि टीआरएस नेता राजेंद्र द्वारा निजाम की सराहना करना संविधान विरोधी है। ऐसा करना तेलंगाना के उन शहीदों का अपमान है जो आंदोलन के दौरान शहीद हुए थे।

उनके ऐसा कहते ही एमआइएम विधायक हत्थे से उखड़ गए। वे विधान सभा अध्यक्ष के आसान के सामने आकर हंगामा करने लगे। एमआइएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने विधान सभा अध्यक्ष एन मनोहर से कहा कि वे सदस्यों को निजाम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने से रोकें। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य गठन संबंधी बिल पर चर्चा के दौरान निजाम को बेवजह क्यों घसीटा जा रहा है। राज्य के बंटवारे के लिए निजाम को कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उनका कहना था कि देश निजाम के योगदान को भुला रहा है।

उनका शासन आज से काफी अच्छा था। ध्यान रहे कि ओवैसी इससे पूर्व भी विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। अकबरूद्दीन ओवैसी को पिछले साल जनवरी में हिंदुओं के प्रति घृणा फैलाने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। तब विधायक ने दंगों के संदर्भ में कहा था कि मुझे भी दो घंटा की छूट देकर देख लो फिर होता क्या है?

पढ़ें: भड़काऊ भाषण देने के आरोप में ओवैसी गिरफ्तार

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