काबू रही महंगाई अब सिर उठाने लगी है, महंगे तेल ने सुलगाई महंगाई की आग
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव बढ़ने की वजह से घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंचे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कुछ वर्षो में काबू रही महंगाई अब सिर उठाने लगी है। थोक महंगाई दर मई में बढ़कर 4.43 प्रतिशत हो गयी है जो बीते 14 महीने में सर्वाधिक है। महंगाई में यह वृद्धि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के चलते हुई है।
-मई में 4.43 प्रतिशत हुई थोक महंगाई दर
-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर मई में रही 1.60 प्रतिशत
थोक महंगाई दर इस साल अप्रैल में 3.18 प्रतिशत तथा पिछले साल मई में 2.26 प्रतिशत थी। इससे पूर्व महंगाई का उच्चतम स्तर 5.11 प्रतिशत मार्च 2017 में था। इस साल मई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 1.60 प्रतिशत रही जबकि अप्रैल में यह 0.87 प्रतिशत थी। हालांकि ईधन और बिजली समूह की महंगाई दर मई में 11.22 प्रतिशत बढ़ी जबकि अप्रैल में यह 7.85 प्रतिशत थी।
ईधन और बिजली समूह की महंगाई ऐसे समय बढ़ी है जब हाल के महीनों में वैश्विक बाजार में कच्चे तेल का भाव बढ़ने की वजह से घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम रिकार्ड स्तर पर पहुंचे हैं। मई में सब्जियों की महंगाई दर 2.51 प्रतिशत रही। खासकर आलू की महंगाई दर 81.93 प्रतिशत रही है। इसी तरह फलों की महंगाई दर भी 15.40 प्रतिशत रही। वैसे दालों की महंगाई दर -21.13 प्रतिशत रही है।
इस बीच उद्योग जगत सरकार से पेट्रोल और डीजल कीमतों को नियंत्रित रखने की मांग की है। उद्योग संगठन एसोचैम के महासचिव डी एस रावत का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से उद्योग जगत पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि कच्चे तेल के भारतीय बास्केट के दाम अप्रैल में 66 डालर प्रति बैरल से बढ़कर अब 74 डालर हो गए हैं। हाल में आरबीआइ ने महंगाई दर बढ़ते देख रेपो दर में भी बढ़ावा किया है।