बिहार चुनाव में आदेश का अनुपालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका
अवमानना याचिका मे कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी के आदेश मे कहा था कि सभी दल उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ पूरा ब्योरा वेबसाइट पर अपलोग करेंगे। साथ ही यह बताएंगे कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दाखिल हुई है जिसमें राजनैतिक दलों पर बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों का आपराधिक व अन्य ब्योरा सार्वजनिक करने के सुप्रीम कोर्ट के 13 फरवरी के आदेश का ठीक से पालन न करने का आरोप लगाया गया है। याचिका में चुनाव आयोग के अलावा भाजपा, कांग्रेस, राजद, जेडीयू और एलजेपी के पदाधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए कार्यवाही की मांग की गई है। यह याचिका बृजेश सिंह ने दाखिल की है। जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, मुख्य निर्वाचन अधिकारी बिहार एचआर श्रीनिवास, जेडीयू के महासचिव केसी त्यागी, राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, एलजेपी के सिकरेट्री जनरल अब्दुल खालिक, कांग्रेस की बिहार चुनाव प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रणदीप सिंह सुरजेवाला और भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएस संतोष को प्रतिवादी बनाया गया है।
बिहार चुनाव में उम्मीदवारों का ब्योरा सार्वजनिक करने का मामला
कोर्ट से मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट के गत 13 फरवरी के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन करने के कारण राजनैतिक दलों पर अवमानना की कार्यवाही की जाए। कहा गया है कि चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि वह राजनैतिक दलों द्वारा उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का ब्योरा सार्वजनिक करने में चाल चलने और चुनाव आयोग के निर्देश न मानने पर राजनैतिक दलों के खिलाफ चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन)आदेश 1968 के तहत कार्यवाही करे। अवमानना याचिका मे कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी के आदेश मे कहा था कि सभी दल अपने उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के साथ पूरा ब्योरा वेबसाइट पर अपलोग करेंगे। साथ ही यह बताएंगे कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया और जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है उसे टिकट क्यों नहीं दिया।
कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट किया था कि उम्मीदवार को चुनने का कारण उसकी योग्यता, उपलब्धियां, और मेरिट हो सकती है। सिर्फ जिताऊ होना आधार नहीं हो सकता। याचिका में कहा गया है कि मोकामा विधानसभा से राजद उम्मीदवार अनंत सिंह के खिलाफ बहुत से गंभीर मामले लंबित हैं और राजद ने उन्हें उम्मीदवार बनाने के पीछे कारण बताया है कि वह अन्य उम्मीदवारों से ज्यादा लोकप्रिय हैं और हमेशा गरीबों व निचले तबके के लोगों की मदद को तैयार रहते है और इसी वजह से उनके खिलाफ बहुत से आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिसकी आपराधिक छवि न हो उसे उम्मीदवार क्यों नहीं बनाया पर पार्टी ने कहा है कि ये किसी भी अन्य उम्मीदवार से ज्यादा लोकप्रिय हैं और इनके जीतने की ज्यादा संभावना है।
इसी तरह याचिका में अन्य दलों के उम्मीदवारों के बारे में सार्वजनिक किये गए ब्योरे और टिकट देने के बताये गए कारणों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि राजनैतिक दलों ने अगंभीर तरीके से ब्योरा दिया है। याचिका में दागियों के चुनाव में खड़े होने के बारे में हाल में एडीआर की जारी रिपोर्ट का जिक्र भी किया गया है। यह भी कहा गया है कि कोर्ट का आदेश था कि उम्मीदवारों का यह ब्योरा प्रमुख अखबारों में प्रकाशित किया जाएगा लेकिन पार्टियों ने यह ब्योरा कम सर्कुलेशन वाले अखबारों मे छपा कर बस खानापूर्ति की है किसी ने राष्ट्रीय अखबारों में ब्योरा नहीं छपवाया।