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कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की ओर से कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा (Rachita Taneja) के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दिए जाने के बाद कानून के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 06 Dec 2020 11:42 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 12:07 AM (IST)
कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट से रचिता तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। अटॉर्नी जनरल (Attorney General) केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) की ओर से कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा (Rachita Taneja) के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंजूरी दिए जाने के बाद कानून के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यचिका में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा (Rachita Taneja) के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की मांग की गई है।  

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समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, रचिता तनेजा के खिलाफ यह याचिका उच्चतम न्यायालय के खिलाफ उनके कथित आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर दायर की गई है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसी हफ्ते तनेजा के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने को मंजूरी दी थी। कानून के छात्र आदित्य कश्यप की ओर से शनिवार को यह अवमानना याचिका दायर की गई।  

अधिवक्ता नमित सक्सेना ने इस याचिका में दावा किया है कि तनेजा की पोस्ट वायरल हो गई। इस पोस्‍ट को न्यायपालिका पर हमला बोलने वालों की ओर से जमकर साझा किया गया। अधिवक्‍ता ने कहा है कि आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल ने अपनी लिखित सहमति में स्‍पष्‍ट रूप से कहा है कि इन पोस्ट का मकसद न्‍यायपालिका की छवि चोट पहुंचाना है। 

मालूम हो कि किसी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल या सॉलिसीटर जनरल की मंजूरी या सहमति जरूरी होती है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय की आपराधिक अवमानना पर दो हजार रुपये का जुर्माना और छह महीने तक की कैद की सजा तक का प्रावधान है। हाल ही में शीर्ष अदालत की ओर से चर्चित अधिवक्‍ता प्रशांत भूषण को उनके दो ट्वीट को लेकर अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। 

सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को प्रशांत भूषण पर एक रुपये का सांकेतिक जुर्माना भी लगाया था। इसके बाद भूषण ने कहा था कि सर्वोच्‍च अदालन की ओर से लगाए गए एक रुपये के सांकेतिक जुर्माने को अदा करने का मतलब यह नहीं है कि उन्होंने शीर्ष अदालत का फैसला स्वीकार कर लिया है। हालांकि भूषण जुर्माने का एक रुपया 14 सितंबर को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा करा दिया था। 


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